कुरूद बगदेही धान आगजनी: किसानों की मेहनत चंद घंटों में राख, प्रशासन पर उठे सवाल

कुरूद :- कुरूद बगदेही धान आगजनी की ताजा घटना ने एक बार फिर इलाके में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। महीनों की मेहनत, माथे का पसीना और साल भर की उम्मीदें—सबकुछ शुक्रवार की रात कुछ ही घंटों में राख में तब्दील हो गया। यह सिर्फ एक आगजनी नहीं, बल्कि किसानों की कमर तोड़ देने वाला कृत्य है जिसने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

घटना कैसे हुई – 80 क्विंटल धान जलकर खाक

कुरूद थाना क्षेत्र के ग्राम बगदेही में शुक्रवार देर रात कुरूद बगदेही धान आगजनी की घटना को असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया।
किसान सुधीर साहू, कृष्णा साहू, परदेशी राम और गिरधर साहू ने अपने खेतों से धान की कटाई कर लगभग 80 क्विंटल धान चार अलग-अलग खरही में भरकर रखा था।

रात करीब 8:00 बजे अज्ञात लोगों ने इन सारी खरहियों में आग लगा दी। देखते ही देखते आग विकराल हो गई और लाखों की फसल धू-धू कर जलकर राख हो गई। किसानों की आँखों के सामने उनकी मेहनत का फल राख में बदलता रहा, लेकिन वे कुछ नहीं कर सके।

टैंकर नहीं पहुंचा समय पर, ग्रामीणों ने की खुद कड़ी मशक्कत

गांववालों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और खुद ट्रैक्टर टैंकर की व्यवस्था कर आग बुझाने का प्रयास किया।
लेकिन धान की खरही खार (दूरस्थ खेत क्षेत्र) में होने के कारण टैंकर समय पर नहीं पहुंच पाया।

इस लापरवाही ने कुरूद बगदेही धान आगजनी को और गंभीर बना दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि टैंकर समय पर पहुंच जाता, तो नुकसान काफी कम हो सकता था।

लगातार दूसरी आगजनी से किसान डरे, प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल

यह पहली घटना नहीं है। इसी गांव में कुछ दिन पहले एक अन्य किसान की फसल भी आग के हवाले हो चुकी है।
लगातार दूसरी घटना ने किसानों के मन में डर और असुरक्षा पैदा कर दी है।

किसानों का कहना है कि कुरूद बगदेही धान आगजनी की घटनाओं में किसी असामाजिक समूह की भूमिका हो सकती है, लेकिन प्रशासन का रवैया ढीला दिख रहा है।

किसानों की मांग—जल्द न्याय और क्षतिपूर्ति

पीड़ित किसानों ने मांग की है कि:

  • आग लगाने वाले अज्ञात तत्वों की जल्द पहचान हो

  • उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए

  • शासन द्वारा तत्काल मुआवजा दिया जाए

पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन किसानों को ठोस कार्रवाई और सुरक्षा की आवश्यकता है।

कुरूद क्षेत्र की फसल सुरक्षा—एक बड़ा सवाल

कुरूद बगदेही धान आगजनी की घटनाओं ने यह सवाल खड़ा किया है कि:

  • क्या किसानों की फसलें सुरक्षित हैं?

  • क्या रात के समय खेतों में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है?

  • क्या ग्रामीण क्षेत्रों में फायर कंट्रोल व्यवस्था पर्याप्त है?

खेती सिर्फ आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि किसानों का जीवन है। ऐसी घटनाएं उनकी रीढ़ तोड़ देती हैं।

कुरूद बगदेही धान आगजनी की लगातार घटनाएं सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि किसानों की उम्मीदों पर हमला हैं। प्रशासन को तुरंत कड़े कदम उठाकर गांव को सुरक्षित बनाना होगा। किसानों को भरोसा और सुरक्षा दोनों की जरूरत है, ताकि कुरूद बगदेही धान आगजनी जैसी दर्दनाक घटनाएं फिर न दोहराई जाएं।

 

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu