कुरूद में बस स्टैंड भारत माता गणेशोत्सव समिति की महाआरती में गणेश पूजा 2025 की धूम
कुरूद में आयोजित बस स्टैंड भारत माता गणेशोत्सव समिति गणेश पूजा 2025 का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। महाआरती में वार्डवासियों, नगरवासियों और श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस अवसर पर आयोजक युवा साथियों का अभिनंदन किया गया और नगरवासियों को गणेश पूजा 2025 की बधाई दी गई।
गणेश पूजा 2025: श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम
गणेशोत्सव समिति ने महाआरती का आयोजन कर भक्तों को एकता, श्रद्धा और धार्मिक भावना से जोड़ने का कार्य किया। इस दौरान गणपति बप्पा मोरया और हर हर महादेव के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
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श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश से सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की।
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आयोजकों ने नगरवासियों को आमंत्रण देकर सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए, जिससे सामाजिक एकजुटता का संदेश गया।
आयोजकों का अभिनंदन और श्रद्धालुओं की प्रार्थना
महाआरती के दौरान आयोजक युवा साथियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रथम पूज्य भगवान गणेश सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करें और नगर में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास हो।
श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ और गणेश जी से आशीर्वाद मांगा कि नगर का वैभव और समृद्धि निरंतर बनी रहे।
कुरूद में धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएँ
कुरूद नगर की पहचान धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से होती है। गणेश पूजा 2025 ने इस परंपरा को और मजबूत किया है। हर वर्ष गणेशोत्सव के अवसर पर बस स्टैंड भारत माता गणेशोत्सव समिति द्वारा विशेष आयोजन किया जाता है।
नगरवासियों की सहभागिता
कार्यक्रम में नगरवासियों ने मिलकर भक्ति गीत, भजन और आरती में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलन और आरती कर भगवान गणेश से पूरे नगर की भलाई की कामना की।
महिलाओं और बच्चों की भी विशेष उपस्थिति रही। बच्चों ने गणपति बप्पा मोरया के नारे लगाए तो युवाओं ने पूरे आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
बस स्टैंड भारत माता गणेशोत्सव समिति गणेश पूजा 2025 का आयोजन कुरूद नगर के लिए एकता, भक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक साबित हुआ। महाआरती ने न केवल श्रद्धालुओं के विश्वास को मजबूत किया बल्कि नगरवासियों को धार्मिक उत्साह से भी जोड़ा। निश्चित रूप से गणेश पूजा 2025 आने वाले वर्षों में भी कुरूद नगर की पहचान और गौरव बनी रहेगी।
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