कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ की बड़ी पहल: पंचायतों को 50 लाख तक के कार्य दिलाने कलेक्टर से की मुलाकात

 कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ की मांगों की पृष्ठभूमि

कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ ने एक बार फिर पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में पहल करते हुए कलेक्टर श्री अभिनाश मिश्रा से मुलाकात की है। प्रतिनिधिमंडल ने शासन के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 50 लाख रुपए तक के निर्माण कार्य पंचायतों के माध्यम से कराना अनिवार्य है, लेकिन इसके बावजूद ठेका पद्धति को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे न केवल सरपंचों की उपेक्षा हो रही है, बल्कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।

सरपंच संघ ने रखी 3 अहम मांगें
1. पंचायतों को कार्य एजेंसी बनाया जाए

कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ का स्पष्ट कहना है कि शासन द्वारा तय की गई 50 लाख की सीमा तक के कार्य पंचायतों से कराए जाएं ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़े और पारदर्शिता बनी रहे।

2. त्रैमासिक बैठक की अनिवार्यता

संघ ने यह भी मांग की कि जिला व जनपद स्तर पर सरपंचों और सचिवों की त्रैमासिक बैठकें आयोजित की जाएं। इससे प्रशासनिक कामकाज में समन्वय बढ़ेगा और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन हो सकेगा।

 3. सचिव पद की नियुक्ति में पारदर्शिता

जहां सचिव के पद रिक्त हैं या तालमेल की समस्या है, वहां स्थायी सचिव की नियुक्ति की जाए। इससे पंचायत के कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो सकेंगे।

 सरपंचों को हो रही समस्याएं और चुनौतियां
  • ठेका पद्धति की वजह से पंचायतों की अनदेखी

  • सचिवों की अनुपलब्धता और सामंजस्य की कमी

  •  तकनीकी स्वीकृति में देरी

कलेक्टर का आश्वासन

कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने सभी मांगों को गंभीरता से सुना और जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य होंगे और पंचायतों को उनका अधिकार दिलाया जाएगा।

क्यों जरूरी है पंचायतों को सशक्त बनाना

ग्रामीण विकास में पंचायत की भूमिका

पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र की नींव है। यदि पंचायतों को जिम्मेदारियां दी जाएं, तो वे अधिक कुशलता से विकास कार्य कर सकती हैं।

स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

जब कार्य पंचायतों को सौंपे जाएंगे, तो स्थानीय मजदूरों और ठेकेदारों को लाभ मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।

सरकार का आदेश और जमीनी हकीकत

हालांकि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यह स्पष्ट निर्देश है कि 50 लाख तक के निर्माण कार्य पंचायतों से कराए जाएं (source), परंतु कई बार जमीनी स्तर पर इसका पालन नहीं होता। कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ ने इसी अव्यवस्था को उजागर किया है

पंचायतों को मिलना चाहिए उनका हक

कुरुद ब्लॉक सरपंच संघ की मांगें न केवल न्यायोचित हैं, बल्कि ग्रामीण विकास के लिए अनिवार्य भी हैं। यदि 50 लाख तक के कार्य पंचायतों से कराए जाएं, तो न सिर्फ गुणवत्ता बेहतर होगी बल्कि जनता का भरोसा भी बढ़ेगा। प्रशासन को चाहिए कि वह इन मांगों पर शीघ्र अमल करे।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu