कुरुद । कुरूद रसोइयों का फॉस्टेक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले रसोइयों को खाद्य सुरक्षा मानकों, स्वच्छता प्रक्रियाओं और खाद्य विषाक्तता से बचाव संबंधी व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना था।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और आवश्यकता
स्कूलों में मध्यान्ह भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी बेहद संवेदनशील होती है। लाखों बच्चों का स्वास्थ्य इस पर निर्भर करता है कि भोजन कितना सुरक्षित और स्वच्छ परिस्थितियों में बनाया गया है। इसी महत्व को देखते हुए कुरूद रसोइयों का फॉस्टेक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने रसोइयों को बताया कि भोजन तैयार करते समय किन मानकों का पालन अनिवार्य है।
कार्यक्रम का आयोजन और प्रतिभागियों की संख्या
आयोजन स्थल और तिथि
यह प्रशिक्षण 1 दिसंबर को बीआरसीसी भवन, कुरूद में आयोजित किया गया।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), नई दिल्ली से अधिकृत प्रशिक्षकों ने सत्र का संचालन किया।
166 रसोइयों की सक्रिय सहभागिता
कुरूद विकासखंड के कुल 166 रसोइयों ने इस फॉस्टेक प्रशिक्षण में भाग लिया।
यह बड़ी संख्या इस बात का संकेत है कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों में कौशल बढ़ाने और सुरक्षा मानकों को समझने की इच्छा बढ़ रही है।
प्रशिक्षण में सिखाए गए मुख्य बिंदु
खाद्य सुरक्षा मानकों की विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षकों ने मध्यान्ह भोजन तैयार करते समय अपनाई जाने वाली सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया। इसमें शामिल थे—
- भोजन का सही तापमान
- सामग्री की सफाई
- भंडारण की विधि
- परोसने का सुरक्षित तरीका
स्वच्छता प्रक्रियाओं का प्रदर्शन
ऑडियो-वीडियो माध्यम से यह दिखाया गया कि खाना बनाते समय किन स्वच्छता आदतों को अपनाना चाहिए, जैसे—
- हाथों की सही तरीके से सफाई
- बर्तनों की सफाई
- रसोई क्षेत्र की स्वच्छता
फूड पॉइजनिंग से बचाव
फूड पॉइजनिंग बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकती है। इसीलिए कुरूद रसोइयों का फॉस्टेक प्रशिक्षण कार्यक्रम में इससे बचने के सरल और प्रभावी तरीके सिखाए गए।
प्रमाणपत्र प्राप्त कर बढ़ेगी रसोइयों की गुणवत्ता
अभिहित अधिकारी सर्वेश यादव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी फनेश्वर पिथौरा तथा अन्य अधिकारियों ने बताया कि प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद सभी प्रतिभागियों को FOSTAC प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। इससे मध्यान्ह भोजन वितरण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
संक्षेप में, कुरूद रसोइयों का फॉस्टेक प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल रसोइयों के कौशल को बढ़ाता है, बल्कि मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को भी नए स्तर तक ले जाता है। इस तरह के प्रशिक्षण भविष्य में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।







