कुरूद। ग्राम पंचायत चरमुड़िया के तालाब में बीते सप्ताहभर से मुरूम का अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर जारी है। बिना किसी वैध स्वीकृति के ठेकेदार द्वारा मुरूम की खुदाई कर हाइवा से सप्लाई की जा रही है, जबकि खनिज विभाग और राजस्व विभाग को इसकी जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि तालाब में खुदाई की गहराई करीब 15 फीट तक बढ़ा दी गई है, जिससे बच्चों के डूबने का खतरा मंडराने लगा है। पूर्व में भी इस तरह के गहरे गड्ढे जानलेवा साबित हो चुके हैं।
अधिकारियों पर गंभीर आरोप, कॉल तक रिसीव नहीं किया गया
ग्रामीणों ने जब जिला खनिज अधिकारी एचडी भारद्वाज से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि अधिकारियों ने खुद फोन कर खनन कार्य शुरू करने के लिए कहा था और यह भरोसा दिया था कि दो दिन के भीतर खनिज विभाग से अनुमति लेकर पीट पास जारी कर दिया जाएगा।
अब सवाल उठता है कि अधिकारी किस दबाव या इशारे पर बिना वैध स्वीकृति के खनन की अनुमति दे रहे हैं? उनकी भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है।
ग्रामीणों का आक्रोश, प्रशासन पर संरक्षण का आरोप
ग्राम के उपसरपंच सुरेंद्र जोशी, पंच भुवनेश्वरी निर्मलकर, होरीलाल साहू, मनीष निर्मलकर, दुर्गा यादव, कीर्तिका कसरेल, मीणा निर्मलकर, पूर्णिमा साहू, नंदनी साहू सहित अनेक ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार के पास खनन की कोई वैध अनुमति नहीं है, फिर भी खुलेआम अवैध खनन जारी है।
सरपंच नीतू तोड़ेकर ने भी प्रशासन पर संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंचायत को न तो पूर्व में कोई सूचना दी गई और न ही रॉयल्टी भुगतान की कोई पारदर्शी व्यवस्था अपनाई गई।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
एसडीएम कुरूद नभसिंह कोसले, तहसीलदार दुर्गा साहू और जनपद सीईओ अमित कुमार सेन से जब इस विषय में प्रतिक्रिया ली गई तो सभी ने अनभिज्ञता जताई। इससे ग्रामीणों के बीच प्रशासन के प्रति अविश्वास गहरा गया है।
ग्रामीणों की मांग : तत्काल कार्रवाई हो
ग्रामीणों ने मांग की है कि तालाब में बने गहरे गड्ढों को तुरंत भरा जाए और अवैध मुरूम खनन करने वाले ठेकेदार तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस अवैध उत्खनन और अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर कब तक कार्रवाई करता है या फिर मामले को यूं ही दबा दिया जाएगा।
