कुरुद में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार: मासूम की मौत के बाद 20 दिन तक फरार रहा आरोपी
कुरुद में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार होने की खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह गिरफ्तारी 12 वर्षीय मासूम नीरज साहू की मौत के मामले में हुई, जिसकी जान गलत इलाज और इंजेक्शन लगाने से चली गई थी। 20 दिन तक फरार रहने वाला आरोपी आखिरकार पुलिस की पकड़ में आ गया और अब उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
घटना का विवरण: इलाज के बहाने छीन ली मासूम की जान
10 अगस्त को ग्राम डांडेसरा निवासी रेवाराम साहू अपने बेटे नीरज को इलाज के लिए कुरुद के अशोक मेडिकल स्टोर्स लेकर गए। मेडिकल संचालक अशोक शर्मा ने इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई।
घटना के बाद आरोपी अपने घर और दुकान में ताला लगाकर फरार हो गया। परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई लेकिन शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिशें होती रहीं।
20 दिन तक फरार और राजनीतिक दबाव
सूत्रों के अनुसार, आरोपी 20 दिनों तक फरार रहा और अग्रिम जमानत लेने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी। इस बीच स्वास्थ्य विभाग भी जांच में देरी करता रहा।
मीडिया में मामला उजागर होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने फर्जी इलाज करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला। दबाव बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉक्टरों की टीम गठित की। जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि आरोपी के पास इलाज करने की पात्रता नहीं थी और गलत दवा देने से बच्चे की मौत हुई।
पुलिस की कार्रवाई: आखिरकार हुआ झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
कुरुद एसडीओपी रागिनी मिश्रा ने जानकारी दी कि आरोपी अशोक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है:
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आईपीसी की धारा 269, 304A
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बीएनएस की धारा 106-1 एवं 271
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मप्र आयुर्विज्ञान अधिनियम 1987 की धारा 24
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राज्य उपचार गृह एवं रोगोपचार अधिनियम 2010 की धाराएँ
पुलिस ने केस तैयार कर आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया।
झोलाछाप डॉक्टरों पर कसा शिकंजा
यह मामला केवल कुरुद तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या और उनके खतरनाक असर को उजागर करता है। गलत इलाज और बिना योग्यताओं के उपचार देने वाले ऐसे लोग मरीजों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया और चर्चा
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। क्षेत्र में अब मांग उठ रही है कि स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करे और ऐसे मामलों की निगरानी बढ़ाई जाए।
कुरुद में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार होने का यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करता है। 12 वर्षीय मासूम की मौत ने लोगों को झकझोर दिया है और अब उम्मीद है कि ऐसे मामलों में प्रशासन और पुलिस और सख्ती बरतेंगे ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान गलत इलाज से न जाए।
