कुरुद ब्लॉक में महिला कमांडो और ग्रीन कमांडो समितियों का गठन

कुरुद ब्लॉक में महिला कमांडो और ग्रीन कमांडो समितियों का गठन

कुरुद। सोमवार को सरपंच संघ पदाधिकारियों की मौजूदगी में कुरुद ब्लॉक में महिला कमांडो और ग्रीन कमांडो समितियों का गठन ग्राम पंचायत कोड़ापार, गणेशपुर, भेड़सर, देवरी, दरबा, उमरदा, नवागांव-कचना, भाठागांव, भेंडरवानी, करगा और बगौद में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित नारी शक्ति ने संकल्प लिया कि अब गांव केवल बसावट नहीं होंगे, बल्कि सुंदर, स्वच्छ और आत्मनिर्भर समाज की मिसाल बनेंगे।

नारी शक्ति का सामूहिक संकल्प

कार्यक्रम में महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि नशाबंदी, अपराध नियंत्रण, कुपोषण उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। यह समितियां गांवों को नई दिशा देंगी और सामाजिक परिवर्तन की धुरी बनेंगी।

सरपंच संघ की पहल और आंदोलन की शुरुआत

सरपंच संघ अध्यक्ष हरिशंकर साहू ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत उनकी अपनी पंचायत खुरसेंगा से हुई। धीरे-धीरे पंचायत दर पंचायत यह विचारधारा आगे बढ़ रही है। अब तक 108 पंचायतों वाले कुरुद ब्लॉक में लगभग 35-40 पंचायतों में महिला संगठन का गठन हो चुका है। आने वाले दिनों में इस अभियान का पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा।

महिला नेतृत्व से नई ऊर्जा

संघ संरक्षक टिकेश साहू ने नवागांव पंचायत में इस विचारधारा की मशाल जलाकर आंदोलन को दिशा दी। वहीं महिला उपाध्यक्ष पुष्पलता साहू (भाठागांव) और पूजा साहू (दरबा) ने सक्रिय भागीदारी निभाकर अभियान को नई ऊर्जा दी।

उन्होंने साबित किया कि जब महिलाएं आगे आती हैं, तो गांव की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल जाती हैं।

संगठन की मजबूती में युवाओं और पदाधिकारियों की भूमिका

कोषाध्यक्ष जयमित्र साहू (गोजी) और मीडिया प्रभारी योगेश साहू (भोथली) ने संगठनात्मक कौशल से इस अभियान को और मज़बूती दी। इनके प्रयास से महिला कमांडो और ग्रीन कमांडो समितियों की गूंज गांव-गांव तक पहुंच गई है।

यह पहल केवल एक संगठनात्मक कदम नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज में व्यापक परिवर्तन की दिशा में बढ़ाया गया ठोस कदम है।

बदलाव की नई धारा

यह आंदोलन किसी एक पंचायत का नहीं बल्कि पूरे समाज का है। संघ ने अपने प्रयासों से साबित कर दिया है कि ग्रामीण उत्थान तभी संभव है जब महिलाएं परिवर्तन की धुरी बनें। गांव का हर व्यक्ति अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि बदलाव का सैनिक है।

कुरुद ब्लॉक में महिला कमांडो और ग्रीन कमांडो समितियों का गठन ग्रामीण विकास और नारी सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। यह आंदोलन गांवों को स्वच्छ, आत्मनिर्भर और अपराधमुक्त बनाने की ओर एक बड़ा कदम है। आने वाले समय में यह समितियां समाज की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएंगी।

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu