कुरूद : कुरूद विद्युत कार्यालय घेराव को लेकर 19 जुलाई को कांग्रेस नेताओं ने जमकर विरोध जताया। बढ़ती विद्युत दरें, खाद संकट और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर नई शराब दुकानों के खोलने जैसे मुद्दों को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने रैली निकालकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। विरोध के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली विभाग कार्यालय का घेराव करते हुए जोरदार नारेबाजी की।
विरोध के मुख्य मुद्दे
🔌 विद्युत दरों में बढ़ोतरी से जनता त्रस्त
कांग्रेस नेताओं ने चौथी बार बिजली दर में वृद्धि पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने आम जनता के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाई है। कांग्रेस शासन में जहां बिजली बिल हाफ योजना से लोगों को राहत मिली थी, वहीं वर्तमान सरकार में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है।
🌾 खाद संकट और किसानों की बदहाली
विरोध के दौरान यह भी बताया गया कि राज्य में खाद और बीज की किल्लत गंभीर होती जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं। समय पर खाद न मिलने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है, जो छत्तीसगढ़ जैसे कृषि-प्रधान राज्य के लिए चिंताजनक है।
📚 स्कूल बंद, शराब दुकानें चालू: नीति पर सवाल
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता शिक्षा न होकर शराब बिक्री है। कई स्कूलों को बंद कर नई शराब दुकानें खोली जा रही हैं, जिससे समाज पर गलत असर पड़ रहा है।
🧾 राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन
धरना प्रदर्शन के पश्चात कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय नायब तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर किया गया।
🧱 कांग्रेस शासन की तुलना
पूर्व विधायक लेखराम साहू और अन्य वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस शासन में कर्ज माफी, उपज के अच्छे दाम और मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं से हर वर्ग को राहत मिली थी, लेकिन वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार, महंगाई और अव्यवस्था ने जनता को हताश कर दिया है।
🔥 ईडी कार्रवाई का विरोध और पुतला दहन
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ की गई ईडी कार्रवाई को विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश बताते हुए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन का प्रयास किया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर इसे विफल कर दिया।
👥 प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता
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लेखराम साहू
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तारिणी नीलम चंद्राकर
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देवव्रत साहू
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राजकुमारी दीवान
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आशीष शर्मा
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तपन चंद्राकर
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शारदा साहू
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नरेंद्र सोनवानी
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मनीष साहू
कुरूद विद्युत कार्यालय घेराव केवल बिजली दर वृद्धि का विरोध नहीं था, बल्कि यह जनता की नाराजगी और असंतोष का प्रतीक भी बना। कांग्रेस ने जनहित के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर स्पष्ट संकेत दिया कि अब जनता चुप नहीं बैठने वाली।
