महिला सभापति के साथ पति की उपस्थिति विवाद: पंचायत में लोकतंत्र पर उठे सवाल

महिला सभापति के साथ पति की उपस्थिति विवाद: पंचायत में लोकतंत्र पर उठे सवाल

महिला सभापति के साथ पति की उपस्थिति विवाद ने एक बार फिर पंचायत राज व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण के मूल्यों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जनपद पंचायत कुरूद की स्वच्छता समिति बैठक में महिला सभापति के साथ उनके पति की कथित उपस्थिति पर जनपद सदस्य लिली श्रीवास ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र का खुला अपमान बताया है।

कुरुद की पंचायत बैठक में विवाद की जड़ क्या थी?
स्वच्छता समिति की बैठक में क्या हुआ?

कुरूद की जनपद पंचायत में स्वच्छता समिति की बैठक के दौरान यह मामला सामने आया। आरोप है कि महिला सभापति के स्थान पर उनके पति बैठक में उपस्थित रहे या उसमें हिस्सा लेने का आभास दिया।

जनपद सदस्य लिली श्रीवास की आपत्ति

ग्राम सिर्री से कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्य लिली श्रीवास ने इसे महिला जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसे “प्रॉक्सी राज” करार दिया। उन्होंने प्रेस को जारी बयान में कहा कि “अगर महिला स्वयं बैठक में मौजूद थीं, तो उनके पति की उपस्थिति किस अधिकार से थी?”

महिला सशक्तिकरण बनाम प्रॉक्सी राज
लिली श्रीवास का बयान और लोकतंत्र पर खतरा

श्रीवास ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि कैसे महिला आरक्षण का दुरुपयोग हो रहा है और उनके नाम पर पुरुष प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन

इस प्रकार की घटनाएं महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को कमजोर करती हैं और महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया से दूर रखती हैं। यह एक प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप है जो संविधान के मूल विचारों के विरुद्ध है।

प्रशासन की भूमिका और चुप्पी पर सवाल
अधिकारियों का मौन क्यों?

श्रीवास ने पूछा कि प्रशासन इस विषय पर चुप क्यों है? क्या महिला प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा केवल दस्तावेजों तक सीमित है?

सीईओ से संपर्क का प्रयास

मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमीत सेन से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस पर भी कई सवाल उठे।

जनपद अध्यक्ष का बयान और स्थिति की सफाई
गितेश्वरी साहू का पक्ष

जनपद अध्यक्ष गितेश्वरी साहू ने स्पष्ट किया कि यह घटना बैठक के बाद की है और किसी प्रकार की भागीदारी नहीं हुई थी। पति ने अनजाने में प्रवेश किया और किसी ने फोटो ले ली।

कांग्रेस की मांग: जांच और कार्रवाई की जरूरत
स्वतंत्र जांच की मांग

कांग्रेस ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

भविष्य में पुनरावृत्ति रोकने के सुझाव

उन्होंने प्रशासन से ठोस निर्देश जारी करने की मांग की ताकि आगे से महिला प्रतिनिधियों के नाम पर कोई अवैध प्रतिनिधित्व न हो।

समाज में संदेश: महिला प्रतिनिधियों की स्थिति
आरक्षण बनाम वास्तविक प्रतिनिधित्व

लिली श्रीवास ने कहा, “जब तक महिलाएं स्वयं आगे नहीं बढ़ेंगी, और उनके स्थान पर कोई और निर्णय लेता रहेगा, तब तक सशक्तिकरण एक धोखा रहेगा।”

महिला सभापति के साथ पति की उपस्थिति विवाद का असर लोकतंत्र पर

महिला सभापति के साथ पति की उपस्थिति विवाद ने पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता और महिला प्रतिनिधित्व की गंभीरता पर विचार करने को मजबूर किया है। यदि लोकतंत्र को सशक्त बनाना है तो नियमों का उल्लंघन किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं होना चाहिए।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu