कुरूद और मगरलोड के बीच मेघा महानदी पुल ढहना के बाद से स्थानीय लोगों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। 21 सितंबर 2024 की मध्यरात्रि में रेत के अवैध उत्खनन के चलते पुल गिर जाने के बाद से हजारों लोग रोजाना आवागमन में कठिनाई झेल रहे हैं। हालांकि सरकार ने हाईब्रिज निर्माण के लिए राशि मंजूर कर दी है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण समस्या का समाधान अभी दूर है।
वैकल्पिक मार्ग की आवश्यकता
पुल ढहने के बाद डायवर्सन रोड की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय व्यापारी और किसान लगातार अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, ताकि आवागमन की समस्या को कम किया जा सके। धान खरीदी और ताजी सब्जी आपूर्ति जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जिससे व्यापार और किसान दोनों की आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
धमतरी जिला प्रशासन के अनुसार, ठेकेदार को वैकल्पिक मार्ग बनाना अनिवार्य था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया है। मई-जून में तैयार किया गया अस्थायी मार्ग बारिश में बह गया और लोग अब नारी खट्टी मार्ग से लंबी दूरी तय कर रहे हैं।
परिवहन और सुरक्षा पर प्रभाव
मेघा महानदी पुल ढहना के कारण बस सेवा बाधित हो गई है। यात्रियों को नदी पार उतार कर लौटना पड़ रहा है। खासकर छात्राओं और महिला यात्रियों को रात में असमाजिक तत्वों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि पुल निर्माण में 40 करोड़ 97 लाख 68 हजार रुपये की लागत लग रही है, लेकिन पूरा होने में कई महीने और लगेंगे।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
सेतु निगम एसडीओ रंजना कश्यप से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन दो दिन तक फोन रिसिव नहीं किया गया। वहीं एसडीएम कुरूद, नभसिंह कोसले ने बताया कि ठेकेदार को वैकल्पिक मार्ग निर्माण के लिए पत्र जारी कर दिया गया है और जल बहाव की स्थिति के अनुसार अस्थायी मार्ग जल्द तैयार किया जाएगा।
किसान और व्यापारी संघ की पहल
भारतीय किसान संघ और स्थानीय व्यापारी संघ ने ज्ञापन देकर वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग की है। धान खरीदी के दौरान 20 से अधिक केंद्रों से धान परिवहन प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति किसानों और स्थानीय व्यापारियों के लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बनी हुई है।
कुरूद-मगरलोड क्षेत्र में मेघा महानदी पुल ढहना ने स्थानीय जीवन और व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। प्रशासन और ठेकेदार दोनों से तत्काल वैकल्पिक मार्ग निर्माण की मांग है, ताकि आवागमन और सुरक्षा की समस्या का समाधान हो सके।







