कुरुद । मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के तहत अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए कुरुद, भखारा और जनपद क्षेत्र के 33 श्रद्धालुओं ने आज यात्रा प्रारंभ की। भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीरामचंद्र जी के दर्शन कराने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
यात्रा की शुरुआत और व्यवस्था
सोमवार सुबह जनपद पंचायत कुरुद के सामने खड़ी बस में नगर पंचायत कुरुद के चयनित 5, भखारा के 4 और जनपद क्षेत्र के 24 तीर्थ यात्रियों को चाय-पानी पिलाकर रायपुर के लिए रवाना किया गया। वहां से ये यात्री अयोध्या धाम के लिए प्रस्थान करेंगे।
विधायक प्रतिनिधि भानु चन्द्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के अंतर्गत हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को निशुल्क धार्मिक यात्रा की सुविधा दी जाती है। इस बार कुरुद क्षेत्र के यात्रियों को अयोध्या धाम की यात्रा का अवसर मिला है, जिसे वे जीवन का सौभाग्य मानते हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थ योजना का महत्व
छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने का एक अनोखा प्रयास है। इसके अंतर्गत वृद्धजन, श्रद्धालु और इच्छुक लोग देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
पहले भी कई बार मिला लाभ
जनपद पंचायत के करारोपण अधिकारी राकेश ध्रुव ने जानकारी दी कि कुछ महीनों के अंतराल में यह यात्रा आयोजित की जाती है। अब तक लगभग 6 बार में सैकड़ों लोग इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो चुके हैं। आगे भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर श्रद्धालुओं को यह सुविधा दी जाती रहेगी।
नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
यात्रा के शुभारंभ अवसर पर भानु चन्द्राकर के साथ भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत साहू, महामंत्री प्रभात बैस, जनपद सदस्य टेकराम साहू, टकेश्वर दाऊ, पार्षद रविप्रकाश मानिकपुरी, प्रकाश धीवर, धर्मेन्द्र यादव, झालेन्द्र कंवर आदि मौजूद रहे। सभी ने यात्रियों को सुखद और मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दीं।
स्थानीय उत्साह और श्रद्धा
अयोध्या यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिला। कई परिवारों ने अपने परिजनों को विदा करते समय धार्मिक गीत गाए और तिलक लगाकर उन्हें यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के तहत अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुभव से लाभान्वित होंगे, बल्कि इस यात्रा से क्षेत्र में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव भी मजबूत होगा। यह योजना निस्संदेह छत्तीसगढ़ के नागरिकों को आध्यात्मिक संतोष और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव कराती है।
