नरहरा वाटरफॉल हादसा: रायपुर के युवक तोरण नायक के लापता होने से मचा हड़कंप

धमतरी : धमतरी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नरहरा में रविवार को नरहरा वाटरफॉल हादसा उस समय हुआ जब रायपुर के कोटा निवासी युवक तोरण नायक अचानक गहरे पानी में समाकर लापता हो गया। दोस्तों के साथ मस्ती के लिए पहुंचे तोरण का पैर फिसलते ही वह 20 फीट नीचे की खाई में गिर गया और कुछ ही सेकंड में पानी की तेज धारा उसे बहा ले गई। इस नरहरा वाटरफॉल हादसा ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी और देखते ही देखते स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

कैसे हुआ नरहरा वाटरफॉल हादसा?

मिली जानकारी के अनुसार, तोरण नायक अपने चार दोस्तों के साथ रविवार दोपहर नरहरा वाटरफॉल घूमने आया था। सभी जलाशय के किनारे नहा रहे थे। उसी दौरान उसका पैर फिसला और वह सीधे लगभग 20 फीट गहरी खाई में जा गिरा।

पानी की गहराई बनी हादसे की बड़ी वजह

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह युवक गिरा, वहां पानी की गहराई काफी अधिक है। तेज बहाव और गहरे दबाव के कारण वह कुछ ही पलों में पानी में ओझल हो गया। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि किसी को प्रतिक्रिया देने का मौका ही नहीं मिला।
यह नरहरा वाटरफॉल हादसा इस बात की ओर इशारा करता है कि बारिश के समय या पानी बढ़ने पर इस क्षेत्र में बेहद सावधानी की जरूरत होती है।

पुलिस और गोताखोरों ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन

घटना की सूचना मिलते ही मगरलोड थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत शुक्ला अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। जिला प्रशासन ने तुरंत गोताखोरों की टीम को बुलाया, जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया।

रविवार शाम तक गोताखोरों ने कई बार गहरे पानी में उतरकर खोजबीन की, लेकिन युवक का कोई पता नहीं चल सका।
अंधेरा बढ़ने और जलाशय की गहराई के कारण रेस्क्यू टीम को ऑपरेशन रोकना पड़ा।

सोमवार सुबह फिर शुरू होगा रेस्क्यू ऑपरेशन

मगरलोड पुलिस ने बताया कि सुबह होते ही गोताखोरों की टीम एक बार फिर से तलाशी अभियान शुरू करेगी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त टीमों को भी जुटाया जा सकता है।

परिजनों को सूचना दे दी गई है और पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
स्थानीय प्रशासन ने आगंतुकों से सावधानी बरतने और वाटरफॉल क्षेत्र में सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है।

पर्यटकों के लिए सुरक्षा चेतावनी

नरहरा वाटरफॉल हर सप्ताह सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन यहां कई बार हादसे भी हो चुके हैं।
तेज बहाव, फिसलन भरी चट्टानें और अचानक बढ़ता जलस्तर अक्सर खतरा पैदा कर देता है।

जिले के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लेकर समय-समय पर चर्चाएँ होती रहती हैं, और यह नरहरा वाटरफॉल हादसा एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करता है।

नरहरा वाटरफॉल हादसा ने एक बार फिर साबित किया है कि प्राकृतिक स्थलों पर सुरक्षा बेहद जरूरी है। तेज बहाव और गहराई का अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है, ऐसे में सावधानी ही जीवन रक्षा का सबसे बड़ा उपाय है। प्रशासन सोमवार से फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करेगा, लेकिन यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा उपायों को और भी मजबूत किया जाना चाहिए।

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu