बीजापुर में 23 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सलियों ने सरकार के सामने किया आत्मसमर्पण, जानें क्यों छोड़ा बंदूक का रास्ता?

रायपुर  बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही व्यापक मुहिम को आज एक बड़ी सफलता मिली, जब नक्सली आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ के तहत 13 कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 10 नक्सलियों पर ₹1 लाख से ₹8 लाख तक का इनाम घोषित था।

आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025 की सफलता

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर इस आत्मसमर्पण को राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास और सकारात्मक बदलाव का माहौल तैयार किया है।

“अब नक्सली भी समझने लगे हैं कि बंदूक की राह नहीं, बल्कि विकास की राह ही भविष्य है,” — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

पुनर्वास और कौशल विकास की व्यवस्था

राज्य सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, कौशल उन्नयन और सामाजिक पुनरुत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की मंशा है कि ये लोग अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। इसके अंतर्गत उन्हें स्वरोजगार, आवास, शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

केंद्र के समर्थन से नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में राज्य सरकार मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के लक्ष्य की दिशा में कार्य कर रही है।

नक्सलवाद की कमजोर होती जड़ें

नक्सली आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ जैसे मामलों से यह साफ संकेत मिल रहा है कि सशस्त्र विद्रोह का रास्ता अब खुद नक्सलियों को भी व्यर्थ लगने लगा है। अब वे समाज और सरकार के साथ मिलकर जीवन को एक नई दिशा देना चाहते हैं।

नक्सली आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की रणनीतिक योजनाओं और मानवीय दृष्टिकोण की सफलता को दर्शाता है। यह न केवल सुरक्षा की दृष्टि से एक उपलब्धि है, बल्कि सामाजिक समरसता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यही रफ्तार रही, तो छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त राज्य बन सकता है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu