Supreme Court : न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई बनेंगे भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश, 14 मई को लेंगे शपथ

नई दिल्ली। भारत के सर्वोच्च न्यायालय को जल्द ही अपना नया मुख्य न्यायाधीश मिलने वाला है। न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई 2025 को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। मौजूदा CJI संजीव खन्ना, जो 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ने 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति गवई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में अनुशंसित किया। परंपरा के अनुसार, सरकार सामान्य रूप से CJI की इस सिफारिश को स्वीकार कर लेती है।

छह महीने का कार्यकाल न्यायमूर्ति गवई नवंबर 2025 में अपनी सेवानिवृत्ति तक लगभग छह महीने तक CJI के पद पर रहेंगे। उनका यह कार्यकाल कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों की सुनवाई इस दौरान हो सकती है।

न्यायमूर्ति गवई के बड़े फैसले न्यायमूर्ति गवई कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। वे उस पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ में शामिल थे, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखा था। इसके अलावा, उन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने और 2016 में केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को मंजूरी देने वाली पीठ में भी अहम भूमिका निभाई। उनके ये फैसले देश की न्यायिक और राजनीतिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

कौन हैं न्यायमूर्ति बी.आर. गवई? 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में जन्मे न्यायमूर्ति गवई ने 1985 में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की। 1987 में उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत शुरू की और पूर्व महाधिवक्ता राजा एस. भोंसले के साथ काम किया। उन्होंने नागपुर और अमरावती नगर निगम, अमरावती विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के लिए कानूनी सेवाएं दीं। 1992 में वे बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी अभियोजक बने, और 2000 में सरकारी वकील नियुक्त हुए।

न्यायिक करियर में मील के पत्थर न्यायमूर्ति गवई को 2019 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे। उनके लंबे और शानदार करियर ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका में एक सम्मानित स्थान दिलाया है।

आने वाले समय में चुनौतियां CJI के रूप में न्यायमूर्ति गवई के सामने कई चुनौतियां होंगी। सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों का बोझ कम करना और संवेदनशील मुद्दों पर निष्पक्ष फैसले देना उनकी प्राथमिकता होगी। उनके अनुभव और निष्पक्षता को देखते हुए देश को उनसे बहुत उम्मीदें हैं।

न्यायमूर्ति गवई का CJI बनना न केवल उनके व्यक्तिगत करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका के लिए भी एक नया अध्याय शुरू करेगा।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36