नयी दिल्ली | भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस हमले में पाकिस्तान को कई मोर्चों पर जबरदस्त नुकसान पहुंचा है, जो देश की सुरक्षा रणनीति का स्पष्ट संकेत है।
पाकिस्तान को बड़ा नुकसान – एक झटके में तबाही
भारतीय वायुसेना ने लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त कर दिया, जिससे पाकिस्तानी हवाई सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह से ढेर हो गई। इसके अलावा, चार लड़ाकू विमानों को आसमान से जमीन पर ला पटका गया, जिनकी कीमत अरबों रुपये थी।
ड्रोन जंग में भारत का पलड़ा भारी
भारतीय सेना के विशेष हथियार ‘सुदर्शन’ ने पाकिस्तान के कई ड्रोन को मार गिराया, जिससे पाकिस्तानी निगरानी प्रणाली को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के ठिकानों को भी भारतीय मिसाइलों ने लक्ष्य बनाया, जिससे इस्लामाबाद में खलबली मच गई।
रावलपिंडी का क्रिकेट स्टेडियम भी निशाने पर
भारतीय हमले में रावलपिंडी के क्रिकेट स्टेडियम को भी गंभीर क्षति पहुंची है। इसी तरह कराची और इस्लामाबाद में भी भारतीय मिसाइलों की गूंज सुनी गई, जिससे पाकिस्तान के भीतर सुरक्षा और आत्मविश्वास दोनों हिल गए हैं।
समंदर से भी बरसी तबाही – नौसेना का एक्शन
भारतीय नौसेना भी पीछे नहीं रही। अरब सागर से कई मिसाइलें दागी गईं, जिन्होंने पाकिस्तान के तटीय ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। नौसेना की यह कार्रवाई पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर भारी पड़ी है।
दुनिया देख रही है, पर बोल नहीं रही
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने साफ किया कि वे इस संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। वहीं तुर्की ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है, लेकिन कोई भी देश सीधी कार्रवाई से बच रहा है।
सोशल मीडिया पर भी चला ‘ऑपरेशन क्लीन’
भारत सरकार ने फेक न्यूज और भ्रामक प्रचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर 8000 से ज्यादा अकाउंट्स ब्लॉक कराए हैं। साथ ही सरकार ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त निर्देश जारी किए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न केवल पाकिस्तान को सैन्य स्तर पर कड़ा जवाब दिया है, बल्कि यह भी दिखा दिया कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा। इस एक्शन से पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर है और दुनिया की निगाहें अब दक्षिण एशिया पर टिकी हैं।
