“क्या आप भी घंटों सोचते रहते हैं ‘काश ऐसा न होता’? ओवरथिंकिंग के ये 5 लक्षण पहचानें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!”

नई दिल्ली । क्या कभी कोई पुरानी बात या छोटी-सी बातचीत आपके दिमाग में घंटों घूमती रहती है? क्या आप बार-बार सोचते हैं कि “काश मैंने ऐसा न कहा होता” या “अगर वैसा किया होता तो”? अगर हां, तो ये चिंता की नहीं बल्कि ओवरथिंकिंग यानी अति-चिंतन की निशानी हो सकती है — जो धीरे-धीरे आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

ओवरथिंकिंग सिर्फ सोचने की आदत नहीं होती, यह एक मानसिक जाल बन जाता है जिसमें इंसान खुद को फंसा लेता है। रोज़मर्रा के छोटे-छोटे फैसले, रिश्तों की उलझनें, यहां तक कि खुद पर भरोसा भी इस आदत से कमजोर हो सकता है।

जानिए ओवरथिंकिंग के 5 प्रमुख संकेत:
  1. हर बात पर बार-बार सोचते रहना: चाहे पुरानी गलती हो या भविष्य की चिंता, दिमाग एक ही सिचुएशन को बार-बार रिप्ले करता है।

  2. नींद का प्रभावित होना: रात को सोने की कोशिश के दौरान बार-बार वही बातें याद आना और नींद में बाधा आना।

  3. फैसला लेने में कठिनाई: हर छोटे फैसले पर भी दिमाग अधिक सोचने लगता है — “ये सही होगा या नहीं?”

  4. “क्या होता अगर…” जैसे विचार: हर स्थिति पर ‘अगर ऐसा होता तो?’ वाले ख्याल मन में चलते रहते हैं।

  5. गलतियों पर जरूरत से ज्यादा पछतावा: पुरानी बातों को बार-बार सोचकर खुद को दोष देना।

ओवरथिंकिंग से कैसे पाएं छुटकारा?
  • सोचने का टाइम फिक्स करें: दिन में 10-15 मिनट का समय दें जब आप सिर्फ अपने विचारों को लिखें।

  • माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएं: ‘अभी’ में जीने की आदत डालें।

  • फिजिकल एक्टिविटी करें: योग, वॉक या हल्की एक्सरसाइज से दिमाग हल्का होता है।

  • जरूरत हो तो प्रोफेशनल हेल्प लें: लंबे समय तक ओवरथिंकिंग रहना डिप्रेशन का कारण बन सकता है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu