Pahalgam Terror Attack: रायपुर के कारोबारी की सालगिरह पर हुई मौत, परिवार की आंखों के सामने टूटा सारा सपना

रायपुर | कभी सोचा है कि एक शादी की सालगिरह, जिसे जीवन का सबसे खूबसूरत दिन माना जाता है, वही किसी के लिए सबसे भयानक याद बन जाए? यही हुआ रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया के साथ, जो अपनी शादी की सालगिरह मनाने कश्मीर की वादियों में परिवार संग पहुंचे थे। लेकिन उनकी खुशियां पहलगाम आतंकी हमले की भेंट चढ़ गईं।


बैसरन घाटी में हंसी के बीच गोलियों की गूंज

मंगलवार को दिनेश मिरानिया अपने पत्नी और बच्चों के साथ बैसरन की खूबसूरत घाटी में वक्त बिता रहे थे। माहौल खुशनुमा था, लेकिन तभी सब कुछ बदल गया। अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया और गोलियों की बौछार में दिनेश गिर पड़े। उनकी पत्नी और बच्चे भी इस हमले में घायल हो गए। सबसे दर्दनाक बात—यह सब कुछ उनके बच्चों की आंखों के सामने हुआ।


शादी की सालगिरह मौत का दिन बन गई

हमले के दिन ही दिनेश और उनकी पत्नी की शादी की सालगिरह थी। परिवार ने सोचा था कि इस मौके पर कुछ सुकून के पल साथ बिताएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अब दिनेश की बॉडी तिरंगे में लिपटकर रायपुर लाई जा रही है, जहां पूरा मोहल्ला और परिजन उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई देने को तैयार हैं।


अस्पताल में भी नहीं बची आखिरी उम्मीद

सेना ने तुरंत दिनेश को सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया। हालत बेहद गंभीर थी, लेकिन परिवार को उम्मीद थी कि शायद कोई चमत्कार हो जाए। पत्नी ने खुद फोन कर घरवालों को सूचना दी—“दिनेश अब नहीं रहे।”


रायपुर में मातम, बच्चे सदमे में

दिनेश रायपुर की समता कॉलोनी में रहते थे। चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका बेटा बेंगलुरु और बेटी रायपुर में पढ़ाई कर रही है। दोनों की छुट्टियों के चलते ही पूरा परिवार एक साथ ट्रिप पर निकला था। अब जब घर लौटेंगे तो सिर्फ यादें और खामोशी साथ होगी।


चिरमिरी के परिवार भी थे वहां, सेना ने बचाया

हमले के वक्त चिरमिरी से भी कई परिवार बैसरन में मौजूद थे—शिवांश जैन, लक्की पराशर, हैप्पी बडवान, कुलदीप और अरविंद अग्रवाल अपने परिवारों के साथ वहां थे। सेना की तत्परता से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। फिलहाल उन्हें श्रीनगर में रोका गया है क्योंकि पूरे कश्मीर में रेड अलर्ट जारी है।


एक फंक्शन से शुरू हुई यात्रा, और खत्म हुई पहलगाम में

दिनेश का परिवार रविवार को रायपुर से निकला था। जम्मू में एक रिश्तेदार के फंक्शन में शामिल होने के बाद सोमवार को वो कार्यक्रम हुआ और मंगलवार को सभी पहलगाम के बैसरन घाटी घूमने निकले। लेकिन उनकी यह यात्रा जिंदगी का सबसे बड़ा हादसा बन गई।

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Author: Arpa News 36