कुरूद। शहर में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय ने एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों के तबादले किए थे। इसका मकसद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना था, लेकिन इसके बावजूद अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
हर रोज कहीं मर्डर, चोरी, चाकूबाजी और लूट की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है। खासकर रात के समय सूनसान इलाकों में लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अपराधी पुलिस की नाक के नीचे वारदातों को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जा रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ पुलिसकर्मियों के तबादले से हालात नहीं सुधरेंगे, बल्कि अपराधियों पर सीधी और कड़ी कार्रवाई करनी होगी। जब तक पुलिस अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं लाएगी और अपराधियों पर सख्त शिकंजा नहीं कसेगी, तब तक शहर में अमन-चैन की बहाली मुश्किल होगी।
शहरवासियों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही कोई प्रभावी कदम उठाएगा ताकि बढ़ते अपराधों पर काबू पाया जा सके। पुलिस को सतर्कता बढ़ानी होगी और गश्त को मजबूत करना होगा, जिससे अपराधियों के हौसले पस्त हों और शहर में शांति बहाल हो सके। क्या सिर्फ तबादले ही समाधान हैं या फिर पुलिस को नए सख्त कदम उठाने की जरूरत है?
