कुरुद । पुलिस और जनप्रतिनिधियों की बैठक में नशा व अपराध रोकथाम को लेकर गहन चर्चा हुई। पुलिस प्रशासन ने इस पहल के तहत नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर आपसी सहयोग से अपराध और नशे के दुष्परिणामों को रोकने का संदेश दिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक सहयोग बढ़ाकर त्योहारों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखना और नशा व अपराध की जड़ों पर प्रहार करना रहा।
थाना और चौकी स्तर पर बैठकें
पुलिस अधिकारियों ने पहले कुरुद थाना और फिर बिरेझर चौकी में बैठक की। यहां सरपंच, उपसरपंच, जिला व जनपद सदस्यों को आमंत्रित कर उनसे सहयोग मांगा गया। चौकी प्रभारी अजय सिंह ने ग्रामीण नेताओं से कहा कि आगामी तीज, पोला और गणेश पर्व जैसे त्योहारों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का साथ दें।
नशा और अपराध रोकथाम के उपाय
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नशा ही अपराध की जननी है और इसे जड़ से खत्म करना बेहद जरूरी है।
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अवैध शराब बिक्री पर रोक
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नशाखोरी, जुआ और सट्टे का उन्मूलन
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गांव-गांव में निगरानी बढ़ाना
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संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना
एसडीओपी रागिनी मिश्रा ने बताया कि अपराध घटित होने से पहले यदि पुलिस को जानकारी मिल जाए तो घटनाओं को रोका जा सकता है। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं ताकि लोग तुरंत सूचना साझा कर सकें।
जनप्रतिनिधियों का सहयोग
सरपंच संघ अध्यक्ष हरिशंकर साहू ने कहा कि यदि पुलिस और जनप्रतिनिधियों की बैठक में नशा व अपराध रोकथाम जैसे मुद्दों पर निरंतर चर्चा हो और संयुक्त प्रयास हों तो अपराधों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने मांग की कि गांवों में अधिक पेट्रोलिंग हो ताकि असामाजिक तत्वों में कानून का भय बने।
सुरक्षा और आधुनिक कदम
बैठक में चौकी इंचार्ज ने ग्राम प्रमुखों से कहा कि:
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पंचायत स्तर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं।
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त्यौहारों के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर नियंत्रण रखा जाए।
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यातायात नियमों और साइबर क्राइम पर लोगों को जागरूक किया जाए।
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बाहरी व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों की जानकारी पुलिस को दी जाए।
सामुदायिक भागीदारी से अपराध नियंत्रण
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि चूंकि उनके पास कानूनी अधिकार नहीं हैं, इसलिए पुलिस का सहयोग अनिवार्य है। गांव स्तर पर समितियां बनाकर समाज को अपराध और नशे से बचाया जा सकता है। उन्होंने युवाओं में बढ़ रही शराब, गांजा और टेबलेट की लत को चिंताजनक बताया और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
व्यापक भागीदारी
बैठक में कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे जिनमें जनपद सदस्य लिली श्रीवास, सुनील गायकवाड़, रमेश भतपहरी, पूजा साहू, सुमित साहू, देशात सिन्हा, देवचरण चंद्राकर, भीम साहू, नंदकुमार नेताम, जयमित्र साहू और अन्य शामिल थे। सभी ने अपने-अपने सुझाव पुलिस प्रशासन को दिए।
स्पष्ट है कि पुलिस और जनप्रतिनिधियों की बैठक में नशा व अपराध रोकथाम एक महत्वपूर्ण पहल है। सामुदायिक सहयोग, आधुनिक तकनीक और पुलिस की तत्परता से अपराध और नशे के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। यदि यह साझेदारी लंबे समय तक जारी रही तो निश्चित ही गांवों और कस्बों में शांति और सुरक्षा का वातावरण स्थापित होगा।
