कुरूद — प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत DBT आधारित स्वचालित प्रणाली अब किसानों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, चरमुडिया में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में जनपद सदस्य उर्वशी जितेंद्र बांधेकर मुख्य अतिथि रहीं और पात्र किसानों के बैंक खातों में रबी 2024-25 सीजन की बीमा राशि का सीधा हस्तांतरण किया गया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य फसल नुकसान की भरपाई की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाना है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो सके।
कार्यक्रम की खास बातें
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मुख्य अतिथि: जनपद सदस्य उर्वशी जितेंद्र बांधेकर
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विशेष उपस्थिति: ग्राम पंचायत भोथली के सरपंच योगेश साहू
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भागीदारी: क्षेत्र के अनेक किसान और स्थानीय प्रतिनिधि
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स्थान: कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकास खंड कुरूद
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत DBT आधारित स्वचालित प्रणाली का उद्देश्य
समय पर आर्थिक सहायता
पहले किसानों को बीमा दावा राशि के लिए कई महीने इंतजार करना पड़ता था। अब इस स्वचालित प्रणाली से राशि सीधा खाते में कुछ ही दिनों में पहुंच जाती है।
पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रक्रिया
किसानों के बैंक खाते और भूमि विवरण की पुष्टि के बाद ही राशि जारी की जाती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं।
यह DBT आधारित स्वचालित प्रणाली कैसे काम करती है?
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फसल बीमा डेटा अपलोड – राज्य सरकार और बीमा कंपनियां किसानों का डेटा पोर्टल पर अपलोड करती हैं।
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डेटा सत्यापन – फसल, भूमि और बैंक खाते की जांच की जाती है।
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सीधा भुगतान – सत्यापन के बाद राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचाई जाती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में अधिक जानें (Wikipedia)
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने इस पहल को “राहत की नई किरण” बताया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें पंचायत, बैंक या एजेंट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है।
स्थानीय नेतृत्व की भूमिका
मुख्य अतिथि उर्वशी बांधेकर ने कहा कि यह कदम किसानों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेगा। उन्होंने किसानों को इस योजना के लाभों के बारे में विस्तार से बताया और अन्य किसानों को भी इसमें पंजीकरण करने की अपील की।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत DBT आधारित स्वचालित प्रणाली किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा और समय पर सहायता का मजबूत साधन बन रही है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि किसानों का भरोसा भी मजबूत हुआ है। आने वाले समय में, यह पहल कृषि क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और डिजिटल गवर्नेंस का एक बेहतरीन उदाहरण साबित होगी।
