राष्ट्रीय मितानिन दिवस पर कुरूद और भखारा में मितानिन बहनों का सम्मान

कुरूद : राष्ट्रीय मितानिन दिवस के अवसर पर कुरूद और भखारा में मितानिन बहनों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय मितानिन दिवस के इस अवसर  न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय इन महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया, बल्कि समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया। यह दिन उन मितानिनों को समर्पित है जो प्रत्येक घर तक स्वास्थ्य जागरूकता पहुँचाने में अहम भूमिका निभाती हैं।

राष्ट्रीय मितानिन दिवस का महत्व

राष्ट्रीय मितानिन दिवस पूरे देश में उन महिलाओं के अथक परिश्रम का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, जो स्वास्थ्य सेवाओं के अंतिम छोर तक पहुँचने का माध्यम हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मितानिन महिलाएँ स्वास्थ्य योजनाओं को सफल बनाने में मुख्य स्तंभ मानी जाती हैं।

कुरूद में आयोजित सम्मान समारोह

कुरूद में नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर ने मितानिन बहनों को अपने आवास में आमंत्रित कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर मितानिनों को सम्मानित किया गया।

नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर का संबोधन

उन्होंने कहा कि मितानिन बहनें हर सूचना और सेवा कार्य में अग्रणी रहती हैं। उनके परिश्रम और समर्पण ने समाज का भरोसा जीता है।

विधायक प्रतिनिधि द्वारा सम्मान और संदेश

विधायक प्रतिनिधि भानु चन्द्राकर ने भी राष्ट्रीय मितानिन दिवस पर मितानिनों को बधाई देते हुए कहा कि मातृ-शक्ति का सम्मान समाज का गौरव बढ़ाता है।

भखारा में उत्साहपूर्वक मनाया गया राष्ट्रीय मितानिन दिवस

नगर पंचायत भखारा में भी राष्ट्रीय मितानिन दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया।

नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति जैन का वक्तव्य

उन्होंने कहा कि मितानिन सिर्फ स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं, बल्कि हर घर की भरोसेमंद साथी हैं। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने जन-सेवा में कभी पीछे कदम नहीं रखा।

ब्लॉक समन्वयकों के विवरण और प्रस्तुतियाँ

मोंगरा साहू, सुशीला निर्मलकर और एमटी पुष्पा साहू ने बताया कि मितानिन टीकाकरण, पोषण, गर्भवती महिलाओं की देखरेख, मातृ-शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण मुक्ति अभियान में सक्रिय रहती हैं।

मितानिनों की प्रमुख सेवाएँ और भूमिका
टीकाकरण और पोषण कार्यक्रम में योगदान
मितानिन बहनें घर-घर जाकर टीकाकरण और पोषण कार्यक्रमों की जानकारी देती हैं।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य में मितानिनों की भूमिका

गर्भवती महिलाओं की देखरेख, नियमित जांच, और स्वास्थ्य परामर्श प्रदान करना इनके प्रमुख कार्य हैं।

कुपोषण मुक्ति अभियान में सक्रियता

कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में मितानिन बहनों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मितानिन बहनों की भावनाएँ

सभी मितानिनों को साड़ी देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि इससे उनका आत्मविश्वास और बढ़ा है।

नगर पंचायत की भविष्य की प्रतिबद्धताएँ

अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मितानिनों को हर संभव सहयोग दिया जाएगा। राष्ट्रीय मितानिन दिवस न केवल मितानिनों के योगदान को मान्यता देने का अवसर है, बल्कि उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने का भी माध्यम है। कुरूद और भखारा में आयोजित कार्यक्रमों ने स्पष्ट किया कि समाज उन्हें सम्मान और भरोसे की दृष्टि से देखता है।

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu