धमतरी। धमतरी नगर निगम में फर्जी राशन कार्ड बनाकर गरीबों के हक पर बड़ा डाका डाला जा रहा है। नगर निगम के कुछ भ्रष्ट अफसरों और दलालों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा था। गरीब और असली हकदार लोग राशन कार्ड के लिए चक्कर लगाते रहे, मगर उन्हें कार्ड नहीं मिला। वहीं, पैसे लेकर गैर-हकदार लोगों को राशन कार्ड जारी कर दिए गए।
500 फर्जी राशन कार्डों से हर माह 17,500 किलो चावल की हेराफेरी
मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 500 फर्जी राशन कार्ड बनाए और बेचे गए। इन कार्डों के जरिए हर माह सरकार से मिलने वाला राशन गलत हाथों में चला गया। नियम के मुताबिक, एक राशन कार्ड पर हर महीने 35 किलो चावल मिलता है। इस हिसाब से 500 फर्जी राशन कार्डों के जरिए हर माह 17,500 किलो चावल का गबन किया जा रहा था। यह वही चावल है जो गरीबों के चूल्हे जलाने के लिए दिया जाना था, मगर भ्रष्टाचारियों ने इसे अपनी जेबें भरने का जरिया बना लिया।
नगर निगम की बदनामी, प्रशासन की चुप्पी
इस घोटाले ने सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को दागदार कर दिया है। अब तक इस गड़बड़ी में शामिल किसी भी अफसर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर प्रशासन खामोश क्यों बैठा है और कब तक इन दोषियों पर कार्रवाई होगी?
तीन-तीन, चार-चार राशन कार्ड, असली हकदार वंचित
इस घोटाले में सबसे बड़ी धांधली यह रही कि कई घरों में तीन-तीन, चार-चार राशन कार्ड जारी कर दिए गए। इन घरों में जरूरत से ज्यादा सरकारी अनाज पहुंच रहा था, जबकि असली जरूरतमंद लोग भूखे सोने पर मजबूर थे। जिन गरीबों को सच में राशन कार्ड की जरूरत थी, वे महीनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। दूसरी तरफ, जो लोग अफसरों और दलालों को पैसे देकर अपना काम करवा सकते थे, उनके लिए राशन कार्ड बनवाना बेहद आसान था।
महापौर रामू रोहरा ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन
जब यह मामला उजागर हुआ तो नगर निगम और प्रशासन पर सवाल उठने लगे। इस पर नगर निगम के महापौर रामू रोहरा ने कहा कि उन्हें इस घोटाले की शिकायत मिली है और जल्द ही एक विशेष जांच कमेटी बनाई जाएगी। महापौर ने आश्वासन दिया कि जो भी अफसर, कर्मचारी या दलाल इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गरीबों के राशन पर हाथ साफ करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा और दोषियों को कानून के तहत सजा दी जाएगी।
जनता में नाराजगी, दोषियों की गिरफ्तारी की मांग
इस घोटाले के सामने आने के बाद जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि जिन अफसरों और कर्मचारियों ने इस फर्जीवाड़े में हिस्सा लिया है, उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, उन घरों की जांच की जाए जहां कई-कई राशन कार्ड जारी किए गए हैं और उन लोगों से वसूली की जाए जिन्होंने गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है। जनता की यह भी मांग है कि जिन गरीब घरों को अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला है, उन्हें जल्द से जल्द कार्ड जारी किए जाएं ताकि वे इस योजना से लाभान्वित हो सकें।
अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस घोटाले को कितनी जल्दी सुलझाते हैं और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी सख्ती दिखाते हैं। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता का गुस्सा और बढ़ सकता है और विरोध प्रदर्शन भी हो सकते हैं।
