नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अपना भरोसा जताया है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वाशिंगटन में दिए गए एक महत्वपूर्ण भाषण में कहा कि भारत इस वर्ष 6.5% की विकास दर हासिल कर सकता है, जो इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना देगा।
हालांकि, मल्होत्रा ने यह भी स्वीकार किया कि यह विकास दर पिछले वर्षों की तुलना में कुछ कम है और भारत की दीर्घकालिक विकास आकांक्षाओं से थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी उन्होंने इसे वैश्विक मानकों से बहुत मजबूत बताया। उनका कहना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक संकटों के बावजूद एक मजबूत स्थिति बनाई है, जो दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
विश्व के आर्थिक परिदृश्य में जब वैश्विक व्यापार युद्ध और अमेरिकी नीतिगत टैरिफ जैसे जटिल कारकों का प्रभाव है, तब भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अप्रैल में ब्याज दरों में कटौती करके नीतिगत रुख को उदार बनाया था। यह कदम आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए उठाया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, “जब दुनिया की कई प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाएं गंभीर आर्थिक संकटों का सामना कर रही हैं, तब भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग और कम निर्यात पर निर्भरता के साथ विकास और स्थिरता का उदाहरण पेश कर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों से बचने के लिए काफी मजबूत है और आने वाले समय में यह वैश्विक संकटों का अच्छे से सामना करने में सक्षम होगी।
