नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पंजाब के जालंधर स्थित इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई के मुताबिक, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और भविष्य में बैंकिंग संचालन जारी रखने की संभावना भी समाप्त हो चुकी है। इस निर्णय के बाद, 24 अप्रैल 2025 से बैंक की सभी बैंकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
बैंक के ग्राहकों के बीच चिंता का माहौल है, हालांकि आरबीआई और डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) ने जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि वे अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा भुगतान प्राप्त करेंगे। आरबीआई ने पंजाब के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को बैंक को बंद करने और एक परिसमापक (Liquidator) नियुक्त करने का निर्देश दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, बैंक के लगभग 97.79% जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमा राशि वापस मिल जाएगी।
इससे पहले भी, आरबीआई ने विजयवाड़ा के दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक का लाइसेंस रद्द किया था, क्योंकि उस बैंक के पास भी पर्याप्त पूंजी नहीं थी। केंद्रीय बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि बैंक को आगे संचालन की अनुमति देना जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ होगा। अब इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक किसी नई जमा राशि को स्वीकार नहीं करेगा और न ही पुरानी जमा राशि का भुगतान करेगा।
आरबीआई के द्वारा लिए गए इस कदम ने बैंकिंग क्षेत्र में एक और उदाहरण प्रस्तुत किया है, जहां केंद्रीय बैंक जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठा रहा है।
