कुरुद। ग्राम चरमुडिया के होनहार छात्र रोमेश कुमार साहू ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की, और इस उपलब्धि ने पूरे साहू समाज, कुरुद क्षेत्र और धमतरी जिले का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। गांव की गलियों से निकलकर इस छात्र ने यह साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई सपना दूर नहीं होता।
संघर्ष, सपनों और संकल्प की कहानी
रोमेश कुमार साहू का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। पिता चैनसिंह साहू और माता मोतिम बाई साहू के सबसे छोटे बेटे रोमेश बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा किरण पब्लिक स्कूल कुरुद से पूरी की, जहाँ उन्होंने न केवल अच्छे अंक हासिल किए, बल्कि शिक्षकों और सहपाठियों का दिल भी जीता।
उनकी यह यात्रा आसान नहीं थी — गांव के सीमित संसाधनों, आर्थिक चुनौतियों और प्रतियोगिता के दबाव के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। जब उनके दोस्तों ने कोचिंग के लिए बड़े शहरों का रुख किया, तब रोमेश ने भिलाई में रहकर नीट की सधी हुई तैयारी की और 720 में से 572 अंक, All India Rank 4954, तथा OBC में 1920वीं रैंक हासिल की।
प्रेरणा बना एक परिवार, जिनका सपना अब पूरा हुआ
इस सफलता के पीछे उनके बड़े भाई रेखराज साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने उन्हें पढ़ाई के हर मोड़ पर गाइड किया। उनकी माँ और पिता ने हर परिस्थिति में उन्हें सहारा दिया, भले ही खुद ने तकलीफ़ें झेली हों। यह सिर्फ रोमेश की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की तपस्या का फल है।
उनके एक और बड़े भाई विक्की साहू पहले ही BSF में चयनित होकर साहू समाज का मान बढ़ा चुके हैं। आज रोमेश की उपलब्धि ने उस प्रेरणा को और आगे बढ़ाया है।
साहू समाज और गांव की आँखों में खुशी के आँसू
जब यह खबर फैली कि ग्राम चरमुडिया के होनहार छात्र रोमेश कुमार साहू ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की, तो पूरे गांव में जैसे त्योहार सा माहौल बन गया। समाज के बुजुर्गों की आँखों में आँसू थे — गर्व और ख़ुशी के। युवा पीढ़ी में जोश भर गया, और माताओं ने कहा – “हमारे बेटे भी अब डॉक्टर बन सकते हैं।”
शिक्षा: जो बदल दे जीवन की दिशा
रोमेश ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर मन में कुछ करने का जज़्बा हो और साथ में परिवार का विश्वास हो, तो कोई भी बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या अफसर बन सकता है – चाहे वो कितने भी छोटे गांव से क्यों न आता हो। यह केवल एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं है, यह एक सपने को जीने की कहानी है।
👉 NEET Exam – Official Info on NTA Website
ग्राम चरमुडिया के होनहार छात्र रोमेश कुमार साहू ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की, और यह सफलता न सिर्फ व्यक्तिगत है बल्कि पूरे समाज की सामूहिक प्रेरणा है। रोमेश जैसे छात्र आने वाली पीढ़ी को यह विश्वास दिलाते हैं कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता, बस मेहनत और लगन की ज़रूरत होती है। यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए है जो गांवों में बैठकर भी सितारों को छूना चाहते हैं।
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