सरकारी स्कूल घुरावड की सफलता बनी शिक्षा जगत के लिए मिसाल

नगरी । छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में स्थित एक छोटे से गांव की बड़ी कामयाबी ने सभी को हैरान कर दिया है। सरकारी स्कूल घुरावड की सफलता आज प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के लिए प्रेरणा बन गई है। सीमित संसाधनों के बावजूद इस स्कूल के बच्चों ने इस वर्ष के केंद्रीय जवाहर नवोदय विद्यालय और एकलव्य आवासीय विद्यालय में शानदार प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

एक स्कूल, कई सफलताएं: सरकारी स्कूल घुरावड का शानदार रिकॉर्ड

सरकारी स्कूल घुरावड की सफलता की कहानी वर्ष 2022 में शुरू हुई जब यहां स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई। पहले ही वर्ष में 3 बच्चों का नवोदय चयन हुआ, 2023 में यह संख्या 6 पहुंची और 2024-25 में रिकॉर्ड 9 छात्र जवाहर नवोदय विद्यालय और 10 छात्र एकलव्य विद्यालय में चयनित हुए।

स्मार्ट क्लास और जनभागीदारी बनी सफलता की चाबी

इस सफलता के पीछे शिक्षकों के अथक परिश्रम और समाजसेवियों की दूरदृष्टि है। भैंसमुड़ी निवासी शिक्षिका रंजीता साहू और इंकम टैक्स इंस्पेक्टर तुमनचंद साहू ने जनभागीदारी से जिले के 160 स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगवाए। यही पहल सरकारी स्कूल घुरावड की सफलता की नींव बनी।

शिक्षकों का समर्पण और दो पाली में कक्षाएं

प्रधानपाठक विक्रांत ठाकुर, सहायक शिक्षक पिलुराम निषाद, रुमलाल किरसान, और गंगाराम बांधे ने बच्चों को सुबह-शाम दो-दो घंटे अतिरिक्त कक्षाएं दीं। छुट्टियों में भी पढ़ाई करवाई गई। इस समर्पण ने बच्चों की नींव मजबूत की और सरकारी स्कूल घुरावड की सफलता सुनिश्चित की।

शाला प्रवेशोत्सव एवं बच्चों के सम्मान में आयोजित समारोह में चयनित छात्रों को मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र और फल भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि तुमनचंद साहू, अध्यक्ष प्राचार्य डी.के. बेनर्जी और जनप्रतिनिधियों ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu