शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय नवा रायपुर: देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय तैयार, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन

ऐतिहासिक पल की तैयारी

शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय नवा रायपुर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। यह संग्रहालय देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय होगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर लोकार्पित करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर तैयार किया जा रहा यह भव्य स्मारक छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य और बलिदान को समर्पित है।

मुख्य सचिव विकास शील ने आज निर्माण स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की और सभी विभागों को अंतिम व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

छत्तीसगढ़ के 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों को समर्पित गैलरियाँ

शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय नवा रायपुर में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। इनमें हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह शामिल हैं।

हर गैलरी में अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक के माध्यम से उन ऐतिहासिक आंदोलनों की झलकियां आगंतुकों को दिखाई और सुनाई देंगी। इस संग्रहालय का उद्देश्य है कि नई पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम के इन जननायकों के साहस और बलिदान से परिचित हो सके।

मुख्य सचिव विकास शील ने की तैयारियों की समीक्षा

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव विकास शील ने सभी गैलरियों का भ्रमण किया और कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित सामग्री को उनके मूल स्वरूप में ही प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि ओरिएंटेशन रूम में प्रदर्शित की जाने वाली डॉक्यूड्रामा स्थानीय जनजातीय बोलियों — जैसे हल्बी और गोंडी — में तैयार की जाए, ताकि आगंतुक स्थानीय संस्कृति से गहराई से जुड़ सकें।

प्रधान सचिव सोनमणि बोरा ने दी विस्तृत जानकारी

प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण अवसर है कि देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों उद्घाटित होगा। उन्होंने लोकार्पण की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ली और सभी विभागों से आपसी समन्वय बनाकर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

बोरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के रूट प्लान के अनुसार सुरक्षा, स्ट्रीट लाइटिंग, रंग-रोगन, सौंदर्यीकरण, विद्युत आपूर्ति और गार्डनिंग की व्यवस्थाएँ समय पर पूरी की जाएँ।

डिजिटल अनुभव और आधुनिक तकनीक का संगम

शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय नवा रायपुर की सबसे बड़ी विशेषता इसका डिजिटल स्वरूप है। यहां आगंतुकों को इंटरैक्टिव स्क्रीन, 3D विजुअल्स, ऑडियो नैरेशन और होलोग्राफिक प्रोजेक्शन के माध्यम से इतिहास को अनुभव करने का मौका मिलेगा। प्रत्येक गैलरी में एक अलग थीम आधारित डिज़ाइन होगी जो छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपरा, संघर्ष और अस्मिता को दर्शाएगी।

समन्वय में जुटे कई विभाग

संग्रहालय निर्माण से जुड़े कार्यों में कई विभाग सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं — जिनमें आदिम जाति विकास विभाग, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, नगर निगम रायपुर, लोक निर्माण विभाग, तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल शामिल हैं।

इस निरीक्षण में संभागायुक्त महादेव कावरे, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, अवनीश शरण, कलेक्टर गौरव सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

एक गौरवपूर्ण पहचान: शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर संग्रहालय

यह संग्रहालय शहीद वीर नारायण सिंह की स्मृति में समर्पित है — जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के छत्तीसगढ़ के पहले शहीद माने जाते हैं। उनका योगदान न केवल क्षेत्रीय, बल्कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का अहम हिस्सा है।

मुख्य विशेषताएँ
विषय विवरण
स्थान नवा रायपुर, अटल नगर
नाम शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय
विशेषता देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय
गैलरियाँ 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों पर केंद्रित
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
निर्माता विभाग जनसम्पर्क एवं आदिम जाति विकास विभाग
थीम आदिवासी वीरता, स्वतंत्रता संग्राम और सांस्कृतिक अस्मिता

शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय नवा रायपुर का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। यह न केवल राज्य के गौरवशाली स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाएगा, बल्कि देश की नई पीढ़ी को अपने वीर नायकों के साहस, बलिदान और आदिवासी अस्मिता से परिचित कराएगा। डिजिटल युग में यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ की संस्कृति और एकता की आत्मा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu