प्राथमिक माध्यमिक शाला गोरेगांव में शाला प्रवेशोत्सव धूमधाम से सम्पन्न, बच्चों को मिला गणवेश और जलेबी

प्राथमिक माध्यमिक शाला गोरेगांव में शाला प्रवेशोत्सव धूमधाम से सम्पन्न, बच्चों में दिखा उत्साह

प्राथमिक माध्यमिक शाला गोरेगांव में शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन 3 जुलाई को बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। संकुल केंद्र अमाली अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में गांव के गणमान्य अतिथि, शिक्षक, अभिभावक और ग्रामीणों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि कन्हैयालाल नाग (सरपंच, गोरेगांव) और अध्यक्ष कौशल प्रसाद साहू (प्रधान पाठक) थे।

कार्यक्रम की शुरुआत और आयोजन स्थल

गोरेगांव शाला के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में शाला के नव प्रवेशी बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। बच्चों को चंदन और गुलाल लगाकर पारंपरिक ढंग से सम्मानित किया गया और मिठाई खिलाकर उनके शैक्षणिक जीवन की शुरुआत का जश्न मनाया गया।

प्रमुख अतिथि और विशिष्ट उपस्थितिजन

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जीवन लाल यादव (उपसरपंच), संतराम यदुराज (ग्राम पटेल), नारद राम साहू, ओम प्रकाश नेताम, किरण साहू, चेतू राम साहू, सुनीति बाई, कुंती बाई, कृष्णा बाई, आशा गौर, लोकेश बंजारे, संतोषी निषाद, लता साहू और अन्य गणमान्य नागरिक शामिल थे।

नव प्रवेशी छात्रों का स्वागत और सामग्री वितरण

छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकें और गणेश शिक्षण सामग्री निशुल्क दी गई। साथ ही, कक्षा पहली और छठवीं में प्रवेश लेने वाले छात्रों को जलेबी और खीर-पूरी खिलाकर सम्मानित किया गया।

सरपंच का संबोधन और शिक्षा का महत्व

मुख्य अतिथि सरपंच कन्हैयालाल नाग ने अपने संबोधन में शिक्षा के सामाजिक, आर्थिक और आत्मिक लाभों पर विस्तार से बात की। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें और शिक्षा को प्राथमिकता दें।

शिक्षा विभाग की योजनाएं और प्रधान पाठक की जानकारी

प्रधान पाठक कौशल प्रसाद साहू ने समग्र शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, और निःशुल्क शिक्षण सामग्री जैसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का माध्यम है।

पर्यावरणीय जागरूकता – मां के नाम एक पेड़

एक विशेष पहल के रूप में सभी अतिथियों ने “मां के नाम एक पेड़” कार्यक्रम के अंतर्गत पौधे रोपे और उन्हें सुरक्षित रखने की शपथ ली। यह संदेश सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए प्रेरणादायी रहा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu