🙏 श्रीराम लला दर्शन योजना: श्रद्धालुओं के लिए सरकार की भक्ति से जुड़ी ऐतिहासिक पहल
श्रीराम लला दर्शन योजना के अंतर्गत 15 जुलाई को कुरुद व मगरलोड जनपद क्षेत्र के कुल 52 श्रद्धालुओं का जत्था दो बसों के माध्यम से अयोध्या धाम के लिए रवाना हुआ। कुरुद जनपद अध्यक्ष गितेश्वरी साहू और मगरलोड जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने हरी झंडी दिखाकर इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की। यह योजना छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शुरू की गई है, जो जनआस्था को प्राथमिकता देते हुए श्रद्धालुओं को नि:शुल्क रामलला के दर्शन का अवसर प्रदान कर रही है।
कुरुद और मगरलोड से रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था
जनपद पंचायत मगरलोड के अध्यक्ष श्री वीरेंद्र साहू और उपाध्यक्ष श्री खिलेस साहू ने 28 श्रद्धालुओं को तिलक वंदन और माला पहनाकर अयोध्या धाम के लिए विदा किया। वहीं कुरुद से जनपद अध्यक्ष श्रीमती गितेश्वरी साहू और भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत साहू ने 24 श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए बस में रवाना किया।
🛕 श्रीराम लला दर्शन योजना का उद्देश्य और महत्व
श्रीराम लला दर्शन योजना केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों को जोड़ने का प्रयास है। यह योजना उन लोगों को श्रीराम लला के दर्शन का सौभाग्य देती है, जो आर्थिक कारणों से अयोध्या नहीं जा पाते। यह पहल सरकार की धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने और जनविश्वास को सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
🤝 सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव का संदेश
कार्यक्रम के दौरान जनपद सदस्य, पंच-सरपंच, अधिकारी-कर्मचारी और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस बात को और बल दिया कि यह योजना केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक भावनाओं से जुड़ा हुआ अभियान है। श्रद्धालुओं को विदा करते हुए अधिकारियों ने समाज में आपसी सौहार्द और एकता बनाए रखने की बात कही।
🚍 यात्रा व्यवस्था और अनुभव
श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क यात्रा, भोजन, ठहरने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई है। इससे खासकर ग्रामीण और वरिष्ठ नागरिकों को अत्यंत लाभ मिल रहा है। योजना के तहत यात्रियों को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, सरयू तट, हनुमानगढ़ी आदि प्रमुख स्थलों का दर्शन कराया जाएगा।
श्रीराम लला दर्शन योजना छत्तीसगढ़ सरकार की ऐसी अनूठी पहल है जो आस्था, संस्कृति और समाज को एक सूत्र में बांधती है। कुरुद और मगरलोड से अयोध्या के लिए रवाना हुए श्रद्धालु न केवल श्रीराम के दर्शन कर रहे हैं, बल्कि समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना को भी जीवित कर रहे हैं। यह यात्रा एक नई परंपरा की शुरुआत है, जो आगे चलकर श्रद्धा और सेवा का आदर्श बनेगी।
