कुरूद। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के बाद, नए शिक्षण सत्र की शुरुआत बहुत खास रही। इस अवसर पर सरस्वती माता की पूजा अर्चना एवं सुमधुर वंदना की गई, जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षा निगरानी समिति, और शाला प्रबंधन समिति ने सामूहिक रूप से भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य नव प्रवेशी विद्यार्थियों को शिक्षा में नवाचार, स्कूली गतिविधियों एवं मानसिक रूप से प्रबल बनाना था, जिससे उनकी पढ़ाई और व्यक्तित्व में निखार हो सके।
नवाचार और शिक्षा में रुचि पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता की पूजा से हुई, उसके बाद बच्चों को कॉपी, पेन वितरण किया गया। इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को गणवेश भी वितरित किया। वहीं, सरपंच दुलार साहू ने बच्चों को शिक्षा में अधिक रुचि लेने, पढ़ाई में मन लगाने, और खेलकूद में सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि यह सिर्फ पढ़ाई का समय नहीं, बल्कि समाज की गतिविधियों में हिस्सा लेने का भी समय है।
विद्यार्थियों के लिए इस अवसर पर दिए गए संदेश:
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पढ़ाई में रुचि रखना: सरपंच ने बच्चों को पढ़ाई में अपनी रुचि बनाए रखने की सलाह दी।
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खेलकूद में भागीदारी: बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया।
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शिक्षकों के प्रयासों की सराहना: सरपंच ने शिक्षकों के अथक प्रयासों को सराहा और उनके मेहनत के लिए धन्यवाद दिया।
समाज का योगदान और सामूहिक समर्थन
यह आयोजन एक सामूहिक प्रयास था जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षा निगरानी समिति और शाला प्रबंधन समिति के सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए। इस आयोजन में शिक्षक पीताम्बर कंवर, शेखर साहू, प्रदीप सोनबेर, संकुल समन्वयक, प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष शेखन साहू, और शिक्षा निगरानी समिति अध्यक्ष लता साहू जैसी प्रमुख हस्तियों ने बच्चों को प्रेरित किया।
इसके अलावा, पंचायत सचिव डेरहु राम यादव, ग्राम सचिव कन्हैया लाल, और अन्य सदस्य भी इस ऐतिहासिक पल में उपस्थित थे। इस सामूहिक प्रयास से बच्चों को शिक्षा के महत्व का अहसास हुआ और उनके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
शिक्षा में नवाचार के महत्व पर चर्चा
आज के समय में शिक्षा में नवाचार बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। नवाचार से बच्चों को सिर्फ किताबों में ही नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी कुछ नया सीखने को मिलता है। इस प्रकार के आयोजन से बच्चों को एक नया दृष्टिकोण मिलता है, जिससे वे भविष्य में शिक्षा को लेकर अधिक गंभीर और सक्रिय रहते हैं। नवाचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि उन्हें खुद सोचने, समझने और नया सृजन करने के लिए प्रेरित करना है।
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इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नव प्रवेशी विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि और मानसिक मजबूती पैदा करना था। यह सुनिश्चित करने के लिए पंचायत प्रतिनिधि और शिक्षा निगरानी समिति ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है, जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। पंचायत प्रतिनिधियों का यह सामूहिक आयोजन नवाचार और शिक्षा में रुचि बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हुआ है।
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