रायपुर। राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में 8 और 9 अप्रैल को देश का सबसे बड़ा दो दिवसीय पोल्ट्री कॉन्क्लेव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन में देशभर से आए पोल्ट्री व्यवसायियों और किसानों ने शिरकत की। सम्मेलन के दूसरे दिन भी विशेषज्ञों ने किसानों को तकनीकी जानकारी देने के साथ कई नई योजनाओं की भी जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत आईबी ग्रुप के पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. आर.के. जायसवाल और डॉ. मुबारक हुसैन द्वारा की गई, जिन्होंने पोल्ट्री फार्म की देखरेख, प्रबंधन और वैक्सीनेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। इस दौरान किसानों ने भी खुलकर सवाल पूछे और विशेषज्ञों से समाधान जाना।
कॉन्क्लेव के दौरान आईबी ग्रुप द्वारा कई नई योजनाओं की घोषणा की गई, जो विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगी। ‘समृद्धि योजना’ के तहत आईबी ग्रुप ने घोषणा की कि जिन किसानों के यहां कन्या जन्म लेती है, उनके विवाह के लिए 25-25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इसके अलावा, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘अस्मिता प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत आदिवासी महिलाओं को पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें ‘लखपति दीदी’ बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसकी शुरुआत मोहला-मानपुर क्षेत्र से हो चुकी है और आगे अंबिकापुर व जगदलपुर जैसे जिलों में भी इसका विस्तार होगा। इसमें राज्य सरकार और जिला प्रशासन भी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
कंपनी की डायरेक्टर जोया आफरीन आलम ने ईसी (एनवायरमेंटली कंट्रोल्ड) पोल्ट्री हाउस तकनीक को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यह तकनीक अहम होगी, जिससे न केवल मुर्गियों का समान विकास होगा, बल्कि साल में 6 बैच तैयार कर देश को प्रोटीन की आपूर्ति में भी मदद मिलेगी।
आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली ने देशभर से आए किसानों का आभार जताया और कहा कि कंपनी आज जिस मुकाम पर है, वह किसानों की बदौलत ही है। उन्होंने कहा कि आईबी ग्रुप व्यापार नहीं, बल्कि विकास के लिए किसानों को जोड़ता है और अब कंपनी एआई जैसी आधुनिक तकनीकें भी ला रही है, जिससे भारत के साथ पोल्ट्री सेक्टर भी विकसित हो सकेगा।
कार्यक्रम में आईबी ग्रुप के सीएमडी सुल्तान अली, डायरेक्टर जीशान अली और डायरेक्टर तनाज अजीज भी मौजूद रहे। यह सम्मेलन न सिर्फ तकनीकी ज्ञान देने का मंच बना, बल्कि किसानों के लिए नए अवसरों और उम्मीदों की शुरुआत भी लेकर आया।
