इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 (शनिवार) को लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, यूरोप और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार):
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प्रारंभ: दोपहर 2:20 बजे
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मध्य काल: शाम 4:10 बजे
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समाप्ति: शाम 6:14 बजे
धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब ग्रहण भारत में नहीं दिखता, तो सूतक काल मान्य नहीं होता। इसलिए इस दिन मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे और किसी विशेष नियमों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
वहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। इसे खास उपकरणों की मदद से देखा जा सकता है। खुले आंखों से सूर्य ग्रहण देखना हानिकारक हो सकता है, इसलिए वैज्ञानिक विशेष सोलर फिल्टर चश्मों या टेलीस्कोप के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
कैसे देखें सूर्य ग्रहण?
जो लोग उन देशों में हैं, जहां यह ग्रहण दिखाई देगा, वे इसे सुरक्षित उपकरणों जैसे सोलर गॉगल्स, टेलीस्कोप या पिनहोल प्रोजेक्शन की मदद से देख सकते हैं। बिना सुरक्षा उपायों के सूर्य को देखने से आंखों की रोशनी को नुकसान हो सकता है।
इस साल दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को
इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा, जो भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा। इस दौरान भारत में सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नियमों का पालन किया जाएगा।
हालांकि 29 मार्च का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन यह दुनिया के कई हिस्सों में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी। वैज्ञानिक और खगोल प्रेमियों के लिए यह एक रोमांचक अवसर है, जिसे सुरक्षित उपकरणों की मदद से देखा जा सकता है।
