नई दिल्ली : भारत सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं – सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (MSSC) शुरू की हैं। दोनों योजनाओं के अलग-अलग उद्देश्य और लाभ हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कौन-सी योजना किसके लिए अधिक फायदेमंद होगी? आइए इनकी तुलना करें।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): बेटियों के भविष्य के लिए एक दीर्घकालिक योजना
SSY को विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
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पात्रता: 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाएं
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निवेश अवधि: खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष या बालिका के 18 वर्ष की आयु के बाद विवाह तक
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न्यूनतम निवेश: ₹250 प्रति वर्ष
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अधिकतम निवेश: ₹1.5 लाख प्रति वर्ष
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ब्याज दर: वर्तमान में 7.6% प्रति वर्ष (परिवर्तनीय)
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कर लाभ: धारा 80C के तहत निवेश पर कर छूट, और परिपक्वता राशि पूरी तरह कर-मुक्त
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (MSSC): अल्पकालिक और उच्च ब्याज वाला निवेश
MSSC महिलाओं को एक अल्पकालिक और सुरक्षित निवेश विकल्प देने के लिए अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था।
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पात्रता: सभी महिलाएं
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निवेश अवधि: 2 वर्ष
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न्यूनतम निवेश: ₹1,000
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अधिकतम निवेश: ₹2 लाख
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ब्याज दर: 8% प्रति वर्ष (फिक्स्ड)
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कर लाभ: ब्याज आय पर कर लागू; निवेश पर कर छूट नहीं
SSY और MSSC में मुख्य अंतर
विशेषता | सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (MSSC) |
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लक्ष्य समूह | बालिकाएं | सभी महिलाएं |
निवेश अवधि | 21 वर्ष | 2 वर्ष |
ब्याज दर | 7.6% (परिवर्तनीय) | 8% (फिक्स्ड) |
न्यूनतम निवेश | ₹250 प्रति वर्ष | ₹1,000 |
अधिकतम निवेश | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष | ₹2 लाख |
कर लाभ | कर-मुक्त | ब्याज आय पर कर लागू |
कौन-सी योजना आपके लिए बेहतर?
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यदि आप अपनी बेटी के भविष्य के लिए दीर्घकालिक और सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें कर छूट भी मिलती है और परिपक्वता राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता।
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यदि आप अल्पकालिक निवेश पर उच्च ब्याज दर चाहती हैं, तो महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (MSSC) बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसमें कर लाभ नहीं मिलता।
निष्कर्ष:
महिलाओं और बालिकाओं के लिए ये दोनों योजनाएं सुरक्षित और सरकारी गारंटी वाली निवेश योजनाएं हैं। अपनी जरूरतों के अनुसार सही योजना चुनकर वित्तीय लाभ उठाया जा सकता है।
