ग्राम परखंदा में सरपंच की मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों का हंगामा, कर्मचारियों की बहाली की उठी मांग

कुरूद। ग्राम पंचायत परखंदा में पिछले दस वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के हटाए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों और विपक्षी पंचों ने इसे सरपंच और उनके प्रतिनिधि की मनमानी करार देते हुए एकजुट होकर विरोध जताया।

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के कर्मचारियों तामेश्वर साहू, कल्याणसिंह निषाद और रोहित साहू को बिना किसी पंचायत बैठक और पूर्व सूचना के पद से हटा दिया गया, जबकि इनकी सेवाएं लगातार कई वर्षों से जारी थीं। उनका कहना है कि राजनीतिक दबाव और दलगत भावना के चलते कुछ खास लोगों को नियुक्त किया गया है।

प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पंचों में पूनम साहू (उपसरपंच), नरेंद्र ढीढी (नेता प्रतिपक्ष), दीपासाडू, दीपक कुमार, रेखा पटेल, सविता साहू, दशोदा, जुलानाई, अनुसुइया, मालती, ईश्वरी, संतोषी, झामिन निषाद, द्रोपती साहू, लक्की पटेल, भुषेन्द्र, सुभन, राजेन्द्र, दोनू साहू, देवेन्द्र, सुमेरीराम, तोकेर लाडू, लुकेश निषाद, परेमतर साय, उमा सोनकर, पार्वती सहित अनेक ग्रामीण शामिल थे।

सभी ने एक सुर में कहा कि यदि हटाए गए कर्मचारियों को वापस बहाल नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को तेज करेंगे। नायब तहसीलदार दुर्गेश सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग भी की गई।

इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग जायज है और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कर हटाए गए कर्मचारियों को वापस बहाल करने की मांग की।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36