B12 की कमी? दूध और देसी खानपान से पूरी होगी ज़रूरत, जानिए कैसे

नई दिल्ली : आज की तेज़-तर्रार लाइफस्टाइल में हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और सबसे ज्यादा चर्चा जिस न्यूट्रिएंट की हो रही है, वो है विटामिन-B12। सोशल मीडिया से लेकर डॉक्टरों की सलाह तक हर जगह इसके फायदों और सप्लीमेंट्स की बातें हो रही हैं। लेकिन क्या वाकई इस ज़रूरी पोषक तत्व के लिए हमें महंगे कैप्सूल और इंजेक्शन पर निर्भर रहना चाहिए?

विशेषज्ञ कहते हैं- नहीं!
वास्तव में, दूध और इससे बने देसी उत्पाद जैसे दही, पनीर और छाछ विटामिन-B12 के बेहतरीन और सस्ते स्रोत हैं, जिन्हें रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करना बेहद आसान है।

विटामिन-B12 क्यों है ज़रूरी?

यह विटामिन शरीर के नर्वस सिस्टम, रेड ब्लड सेल्स और डीएनए निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से थकान, चक्कर, त्वचा पीली पड़ना, याददाश्त कमजोर होना और यहां तक कि डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। चूंकि शरीर खुद से B12 नहीं बना सकता, इसलिए इसे भोजन से प्राप्त करना जरूरी होता है।

दूध: सस्ता लेकिन असरदार विकल्प

एक कप गाय या भैंस का दूध लगभग 1 माइक्रोग्राम B12 देता है, जो एक वयस्क की रोज़ाना की ज़रूरत का लगभग 40% होता है। इसे रोज़ पीने से शरीर मजबूत तो होता ही है, साथ ही B12 की कमी से भी बचा जा सकता है।

ये देसी फूड्स भी हैं बेहद फायदेमंद
  • दही: रोज़ एक कटोरी ताज़ा दही शरीर को न सिर्फ B12 देता है बल्कि पाचन भी दुरुस्त करता है।

  • पनीर: खासकर घर पर बना पनीर प्रोटीन और B12 दोनों में समृद्ध होता है।

  • छाछ: गर्मियों में ठंडक के साथ-साथ ऊर्जा देने वाला हेल्दी पेय।

  • फोर्टिफाइड फूड्स: शाकाहारी लोगों के लिए बाजार में मिलने वाले B12 युक्त ब्रेड, अनाज और सोया मिल्क बेहतरीन विकल्प हैं।

अगर आप भी B12 की कमी से परेशान हैं, तो घरेलू उपायों पर भरोसा करें। दूध, दही, पनीर और छाछ जैसे देसी विकल्प न सिर्फ हेल्दी हैं बल्कि जेब पर भी हल्के हैं।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu