मुंबई : पैदल चलना यानी वॉकिंग को अक्सर सेहतमंद माना जाता है—वज़न घटाने, दिल को मजबूत करने और ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए यह कारगर होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि “ज्यादा वॉक करना” दीर्घकाल में आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो फायदों की सीमा में रहकर वॉकिंग करें, वरना संभावित खामियाँ सामने आ सकती हैं।
क्या-क्या हो सकता है नुकसान?
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जोड़ों पर बोझ और दर्द
अधिक समय तक चलने से घुटने, टखने और कूल्हों को निरंतर दबाव पड़ता है। इससे सूजन, दर्द या चोट पहुँचने की संभावना बढ़ जाती है । -
थकान, कमजोरी और मसल्स ऑवरवर्क
लगातार वॉकिंग से मांसपेशियों में थकान, कमजोरी और रिकवरी ड्रॉप हो सकता है। साथ ही कई बार फिटनेस खतरनाक हो सकती है अगर शरीर ठीक से आराम न पाए । -
ब्लिस्टर, जख्म और फूट इश्यूज़
गलत या दमघोंटू फुटवियर पहनने पर पैरों में छाले, प्लांटर फैसाइटिस या एड़ी में दर्द जैसी परेशानियाँ जन्म ले सकती हैं । -
भावनात्मक और मानसिक थकावट
सिर्फ शरीर को नहीं, दिमाग को भी आराम चाहिए। ओवरवॉकिंग से चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग या मानसिक थकावट का सामना करना पड़ सकता है। -
कमज़ोर इम्यून सिस्टम
लगातार अधिक वॉकिंग कोर्टिसोल (एक स्ट्रेस हार्मोन) बढ़ा देता है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर होकर संक्रमण या सर्दी-खांसी को आमंत्रण देती है। -
एडिमा (सूजन) और स्निन स्प्लिंट्स
पैरों या टखनों में लम्बे समय तक सूजन हो सकती है। साथ ही शिन स्प्लिंट्स (निचले पैर की हड्डी में दर्द) जैसी चोटें भी अधिक दौड़ के समान खतरनाक हो सकती हैं ।
क्या है इसका समाधान?
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रोज मात्र 30–45 मिनट वॉक करें — यह संतुलनपूर्ण और सेफ माना जाता है ।
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लंबे वॉक के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें, एक ही बार में लम्बा न चले।
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आरामदायक और सपोर्टिव जूता पहनें, ताकि पैर और जोड़ सुरक्षित रहें।
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हाइड्रेटेड रहें—पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी लें।
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शरीर का ध्यान रखें—कहीं दर्द हो तो वॉकिंग घटाएँ और डॉक्टर से सलाह लें।
पैदल चलना सेहत के लिए बेहतरीन है—जब तक आप सीमित मात्रा में ही करते हैं। ज़्यादा वॉक कर लेने से जोड़ों, मांसपेशियों, पैरों और इम्यून सिस्टम पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए “कम वॉक, ज्यादा लाभ” का मंत्र अपनाएं—आराम, ब्रेक, सही जूता, और ढेर सारा पानी!
