धमतरी । अब खेतों में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की एंट्री हो चुकी है! धमतरी जिले में किसानों को एआई तकनीक से खेती करना सिखाने का अनूठा प्रयास शुरू किया गया है। इसके तहत जिले के चुनिंदा किसानों और अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अन्य किसानों को भी डिजिटल खेती के फायदों से जोड़ सकें।
कुरूद की स्वयंसेवी संस्था के प्रशिक्षण केंद्र में करीब 20 किसान और 20 कृषि अधिकारी इस नई तकनीक को सीख रहे हैं। ये सभी प्रशिक्षण पाने के बाद अपने-अपने गाँवों में जाकर किसानों को स्मार्ट खेती के तरीके सिखाएंगे — जिससे खेती की लागत घटेगी और पैदावार बढ़ेगी।
कलेक्टर अभिनाश मिश्रा और सीईओ रोमा श्रीवास्तव ने भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया और किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ये पहल भविष्य की खेती को नया रास्ता दे सकती है।
ड्रोन और सेंसर की खेती में एंट्री
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को ड्रोन से कीटनाशक और खाद छिड़काव का लाइव डेमो भी दिखाया गया। साथ ही स्वाईल सेंसर और क्लाईमेट सेंसर को खेत में लगाकर व्यवहारिक जानकारी दी गई – ताकि किसान अपनी फसलों की जरूरतों को पहले से पहचान सकें और सही समय पर निर्णय ले सकें।
किसानों ने माना कि इस तकनीक से न केवल सिंचाई, निंदाई-गुड़ाई जैसे काम आसान होंगे, बल्कि मौसम, मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों की सही जानकारी भी पहले से मिल जाएगी।
इन गांवों को मिली AI स्मार्ट खेती की सौगात
इस खास प्रोजेक्ट में कुरूद ब्लॉक के बानगर, चोरभट्टी, भुसरेंगा, गाड़ाडीह, राखी, चरमुड़िया, भखारा, मंदरौद,
धमतरी ब्लॉक के संबलपुर, पोटियाडीह, लोहरसी,
नगरी ब्लॉक के सांकरा, कुकरेल
और मगरलोड ब्लॉक के कुंडेल गांवों को चुना गया है।
यह पहल निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में खेती का चेहरा बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
