रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आज जीपीएम (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) जिले के चुकतीपानी गांव में सुशासन तिहार के तहत एक अलग ही रूप देखने को मिला। आमतौर पर शांत और सहज छवि वाले मुख्यमंत्री जब सरकारी योजनाओं की गुणवत्ता में लापरवाही देखते हैं, तो उनका सख्त तेवर भी सामने आता है — और आज कुछ ऐसा ही हुआ।
चुकतीपानी में महुआ के पेड़ के नीचे ग्रामीणों के साथ चौपाल में बैठे मुख्यमंत्री साय लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान गांव के लोगों ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बन रही सड़क की खराब गुणवत्ता की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने तुरंत इस पर जीपीएम कलेक्टर लीना मंडावी से कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की।
मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा –
“जांच के लिए कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है। खुद जाकर सड़क की स्थिति देखिए। ये तीन ब्लॉक का छोटा सा जिला है, आप फील्ड में जाकर काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। गुणवत्ता में समझौता किसी भी हाल में नहीं चलेगा।”
मुख्यमंत्री के इस स्पष्ट और दो-टूक निर्देश से साफ है कि वे सुशासन को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि जमीनी स्तर पर पारदर्शिता और गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ग्रामीणों में खुशी, अधिकारियों में हड़कंप
मुख्यमंत्री की फील्ड पर मौजूदगी और उनके द्वारा लिए गए सख्त एक्शन से एक तरफ ग्रामीणों में विश्वास बढ़ा, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री की बातों पर ताली बजाकर उनका समर्थन किया।
सुशासन तिहार: संवाद से समाधान की ओर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शुरू किया गया “सुशासन तिहार-2025” लगातार चर्चा में है। इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक कैसे पहुंच रहा है, इसका फीडबैक लेना और मौके पर समाधान करना है।
इस चौपाल से यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री साय अब नजर रख रहे हैं फील्ड पर, और कोई भी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
