नई दिल्ली । भारत ने टेक्नोलॉजी के मैदान में एक बड़ी छलांग लगाते हुए चीन को पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल 2025 में भारत से अमेरिका को रिकॉर्ड 30 लाख iPhone यूनिट्स एक्सपोर्ट किए गए, जबकि चीन केवल 9 लाख यूनिट्स भेज पाया। यह जानकारी प्रसिद्ध मार्केट रिसर्च फर्म Omdia की रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में चीन निर्मित iPhone पर लगने वाले 30% टैरिफ की वजह से भारत में बने iPhone की मांग तेजी से बढ़ी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चीन के खिलाफ टैरिफ नीति का असर अब साफ दिखने लगा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि Apple की यह रणनीति कोविड के समय शुरू हुई थी, जब उसने अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से हटाकर भारत जैसे देशों की ओर मोड़ा। नतीजा यह हुआ कि भारत अब iPhone निर्माण का दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक केंद्र बन चुका है।
Apple के CEO टिम कुक ने भी पुष्टि की है कि इस साल की जून तिमाही से अमेरिका में भारत निर्मित iPhone उपलब्ध होंगे। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अभी भारत अमेरिका की कुल iPhone मांग (करीब 2 करोड़ यूनिट्स प्रति तिमाही) को पूरी तरह पूरा नहीं कर सकता, इसलिए यह उछाल अस्थायी हो सकता है।
फिर भी भारत के लिए यह बड़ी जीत है। Apple लगातार भारत में निवेश बढ़ा रहा है और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को विस्तार देने की तैयारी में है। इससे भारत न केवल एक टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बन रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
